–अनामिका अम्बर की कविताओं में श्रंगार व देशभक्ति का दिखा मिश्रण
अयोध्या। राजकीय इंटर कालेज में सांसद लल्लू सिंह द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन। यहां मनोभाव को कलात्मक रुप से प्रस्तुत करती अभिव्यक्ति ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरों को सजीवता प्रदान कर दी। अटल जी को समर्पित इस कवि सम्मेलन में विख्यात कवियत्री डा अनामिका जैन अम्बर ने शहीद की दीपावली काव्य को स्वर प्रदान किया तो भावनाओं का ज्वार पूरे परिवेश में उमड़ पड़ा। अनामिका अम्बर की कविताओं में श्रंगार व देशभक्ति का मिश्रण दिखा। लड़के खुद बहकते है इशारा हम नहीं करते। तुम्हे जब पुकारु मै मेरी आवाज सुन लेना। गाली के बदले सेना गोली की बात करेगी अब। सत्ता की अभिलाषा में जिन्ना भारत तोड़ गये। जो दिल गुजरात का आया तो फिर लाहौर ले लेंगे जैसी कविताओं की मनमोहक प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कवि जमुना प्रसाद उपाध्याय व संचालन दिनेश रघुवंशी ने किया।
दीपप्रज्जवलन के माध्यम से कवि सम्मेलन का उद्घाटन करने के उपरान्त मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनदास जी महाराज ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी में हम एक लोकप्रिय राजनेता के साथ आदर्श कवि की छवि देखते है। उनके आदर्श चरित्र व विचारों को जन जन अपनाएं और जनप्रतिनधि इसे प्रसारित करने का काम करें। राष्ट्र के लिए हमें अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देना चाहिए। सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि भारतीय राजनीति में पथ प्रदर्शक की भूमिका में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जाता है। वैचारिक रुप से उनके विरोधी भी उनके ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व से हमेशा मागदर्शन प्राप्त करते रहे। अटल जी ने हिन्दी की विश्व स्तर पर पहचान बनाने के लिए कई प्रयास किये। उनका जीवन चरित्र शोध का विषय है। भारतीय राजनीति में अटल जी की भूमिका कभी विस्मृत नहीं की जा सकेगी। कवि सम्मेलन की शुरुवात डा अनामिका जैन अम्बर ने मां सरस्वती के 108 नामों की वंदना से की। वीर रस के कवि डा अभय सिंह निर्भीक ने सैनिक के चरणों में सादर अपना शीष निभाता हूं, शीष भले कट जाये पर कश्मीर नहीं दे पायेंगे। 370 हटा दिया अब पीओके की बारी है। अशोक टाटम्बरी ने कोटि कोटि नमन है अटल के लिए, जब सिंह चरै घास तो समझौ बसंत है, राखे न हमरे लिए चिथरा की व्यवस्था की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति की।
डा भुवन मोहनी द्वारा प्रस्तुत की गयी कविताओं में हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती, वो रेखा पार मत करना रावण क्या बिगाड़ेगा। हो गई हो गई मै बावरिया हो गई हो गई रे। चल चल चल परदेशी चल चल की हृदय को स्पर्श करने वाली प्रस्तुति की। कवि हेमंत पाण्डेय ने श्रोताओं को खूब हसाया। उन्होने विधायक ने पौधा लगाया उसे बकरे ने खाया शाम को विधायक ने बकरे को खाया, सेल्फी डालते है कि नये चौकी इंचार्ज का सानिध्य प्राप्त हुआ। उसी के साथ मुझे भी क्वारंटीन कर दो की प्रस्तुति पर खूब तालियां बजी। प्रियांशु गजेन्द्र ने मै तेरा रुह तेरा जिस्म हिन्दुस्तान कर दूंगा। मेरा मन जीतने का कोई शस्त्रागार लेकर आयी हो, पांच करोड़ की गाड़ी खरीद नहीं सकते लात तो मार सकते है, भूल गये बृजवासी या बृजवासियों को श्याम भुलाये की मनमोहक प्रस्तुति की। दिनेश रघुवंशी ने किसानो की तबाही पर मुनाफाखोर बनते है। धड़कनो की तरह सबके दिल में हिन्दुस्तान है की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति की। डा विष्णु सक्सेना ने हमको जितना दिखा सिर्फ तुमको लिखा, अब ये पन्ना यहीं मोड़ दो, तुम हमारी कसम तोड़ दो की प्रस्तुति की।
इस अवसर पर रामवल्लभाकुंज के अधिकारी महंत राजकुमार दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजूदास, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायको में वेद प्रकाश गुप्ता, रामचन्दर यादव, गोरखनाथ बाबा, शोभा सिंह चौहान, अनीता कमल, संजू गुप्ता, सतीश शर्मा, पूर्व सांसद हरिओम पाण्डेय, महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल, कमलेश श्रीवास्तव, ओम प्रकाश सिंह, जिला पंचायत अध्घ्यक्ष्घ् प्रतिनिधि आलोक कुमार सिंह रोहित, सुशील जासवाल, विजय गुप्ता, अम्घ्बेडकर नगर के पूर्व जिला पंचायत अध्घ्यक्ष मिंटू सिंह, इंजीनियर रणवीर सिंह, ब्घ्लाक प्रमुख राजीव तिवारी, दिनेश वर्मा मौजूद रहे।