मन्दिरों के गर्भगृह तक सीमित रहा श्रीराम जन्मोत्सव
सरयूघाट व मार्गों पर पसरा रहा सन्नाटा, पुलिस व अर्धसैनिक बलों के अलावां बाहर नहीं निकल पाये रामभक्त
अयोध्या । ‘‘अवध में जन्मे श्री रामलला गाओ री सखी मंगल आरती’’ के जयगान के साथ मुख्य उत्सव कनक भवन मन्दिर में परम्परागत ढंग से मनाया गया। श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन रामनगरी के सभी मन्दिरों में पूरी आस्था के साथ आरती व भजन आयोजनों के मध्य मना। बीते सालों की भांति मन्दिरों में भक्तों का रेला नहीं दिखायी पड़ा। यही नहीं सरयू के घाटों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। एक भी स्नानार्थी पावन सरयू में डुबकी नहीं लगा पाया। श्रीराम जन्मोत्सव पर्व रामनगरी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के मध्य मनाया गया। पुलिस व सुरक्षा बलों की चौकसी के कारण एक भी व्यक्ति सड़क पर नहीं दिखाई पड़ा।
मध्यान्ह ठीक 12 बजे मंदिरों के पट भव्य आरती के साथ खुले और ’भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी’कीध्वनि राम जन्म भूमि परिसर में विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर , कनक भवन सहित दर्जनों मंदिरों में गूंजने लगा वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषित लाकडाउन का पालन इस बार श्रद्धालुओं ने बड़े ही कटिबद्धता से किया जिसके नतीजे में अयोध्या पूरी तरह सन्नाटे के आगोश में रही, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये और जहां प्रशासन विगत वर्षों श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने में लगा रहता था तो,वहीं इस बार इस बात की निगरानी करता रहा कि कोई श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश करके लाक डाउन की मंशा को प्रभावित न कर दे, फिलहाल राम जन्मोत्सव धार्मिक वातावरण में संपन्न हो गया और साथ ही अयोध्या से इस आशय का भी संदेश गया कि मानव सुरक्षा के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदम के लिए आम जनमानस कितना संवेदनशील है।
प्राचीन काल से चली आ रही राम नवमी पर्व के अवसर पर श्री राम जन्मोत्सव में श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रहती थी, पावन सलिला सरयू तट श्रद्धालुओं के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों से चमकता रहता था और धार्मिक जयघोष से गुंजायमान भी रहता था, तो जन्मोत्सव के काल दोपहर में मंदिरों में श्रद्धालुओं का रेला इस कदर बढ़ जाता था, कि प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण एक चुनौती बन जाता था, किंतु इस बार दृश्य कुछ अलग रहा, जो प्रशासन श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर उनकी सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था करता था, वहीं इस बार अयोध्या की सीमाओं से लेकर सभी स्थलों पर निगरानी कर रहा था एक भी श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश न कर पाएं, साथ ही अयोध्या के सभी दुकाने भी बंद रहे स्थानीय लोगों को घरों से बाहर निकलने पर भी पाबंदी रही जिसका कारण वैश्विक महामारी कोरोना वायरस है, जिस पर नियंत्रण के लिए हमारा देश संघर्ष कर रहा है और नियंत्रण की दिशा में सार्थक कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाक डाउन का निर्देश जारी किया है, प्रधानमंत्री के निर्देश को अक्षरशः पालन करने के लिए अयोध्या के संत धर्म आचार्यों ने भी श्रद्धालुओं से आग्रह किया था कि वे अयोध्या ना आए और अपने घरों में ही राम जन्मोत्सव को धार्मिक रीति रिवाज से संपन्न करें, प्रधानमंत्री और संत धर्माचार्य के निर्देश का पालन करते हुए, भक्त घर-घर राम जन्मोत्सव मनाया हैं।