-किसान बिल के विरोध में राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर की पंचायत
अयोध्या । गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित रौनाही टोल प्लाजा पर शनिवार को किसान पंचायत कर भारत सरकार के तीनों कृषि विधेयकों का विरोध किया गया और निरस्त करने की मांग की गई। टोल प्लाजा फ्री कराने के लिए पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई।
सुरक्षा बलों का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, सीओ सदर कर रहे थे। फोरलेन टोल पर किसान पंचायत की अध्यक्षता फरीद अहमद तथा संचालन फूलचंद यादव ने किया। भाकियू राष्ट्रीय महासचिव घनश्याम वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयक किसानो के हित में नहीं है। यह काला कानून है। वर्मा ने कहा कि प्राइवेट मंडियां लगाकर सरकारी मंडियों को समाप्त करके किसानों का दोहन करने की योजना है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करा कर पूंजीपतियों द्वारा असीमित मात्रा में कृषि उपज का स्टोरेज करके देश में खाद्यान्न का संकट पैदा करके बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की जाएगी।कांट्रैक्ट फार्मिंग के चंगुल में फंसा कर किसानों की जमीनों को गिरवी रखकर नीलाम करने की योजना है। बिल वापसी तक आंदोलन किया जाता रहेगा। जिला अध्यक्ष सूर्यनाथ वर्मा ने कहा कि भारत सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज को खरीदने की गारंटी जैसा कानून बनाना चाहिए। मंडल उपाध्यक्ष नन्हे सिंह, भागीरथी वर्मा, दशरथ सिंह, रामप्रताप गुप्ता, फूलचंद यादव आदि ने पंचायत को संबोधित किया। अंत में भाकियू पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को देकर पंचायत खत्म की। 14 को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन की घोषणा की गई।
पिपरी टोल प्लाजा पर भाकियू महिला मोर्चा ने फ्री कराया टोल
-भारतीय किसान यूनियन के महिला मोर्चा की सुमन पांडे के नेतृत्व में पिपरी टोल प्लाजा फ्री करा दिया गया। टोल प्लाजा पर सैकड़ों की संख्या में पहले से पुलिस तैनात थी परंतु देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में किसान नेता लाठी और टोपी के साथ पहुंच गए। जिससे काफी तनाव की स्थिति बन गई और धक्का-मुक्की के बाद किसानों नेताओं ने टोल प्लाजा को खोल दिया तथा वाहनों को फ्री में आने जाने दिया। बीच सड़क पर बैठकर सरकार विरोधी नारा लगाते रहे। मौके पर प्रदेश सचिव दिनेश दुबे व प्रमुख मंडल महासचिव श्री राम वर्मा ने कार्यकर्ताओं का उत्साह वर्धन किया। 3 सूत्री मांग पत्र भेजा। प्रदर्शन में दिनेश दुबे, अभय राज ब्रह्मचारी, श्रीराम वर्मा, सुमन पांडे, शिव प्रसाद पांडे ,अजय यादव ,राम गणेश मौर्य डॉ राम जन्म वर्मा ,लल्लू उपाध्याय ,सत्य नारायण पांडे ,राम प्रकाश वर्मा, उषा देवी, रामावती, मंगला श्रीवास्तव, लालती, राधा, अंतिमा, श्यामकली, लीलावती, मीणा गौड़ आदि शामिल रहीं।सरकार को चेतावनी दिया कि अब किसानों की बात नहीं सुनी गई तो आंदोलन का और व्यापक विरोध किया जाएगा।