-पंजाब रोडवेज की बस के नीचे से रेस्क्यू के दौरान 62 वर्षीय वृद्ध सहित मां बेटी के शव मिले
मिल्कीपुर। कुमारगंज थाना क्षेत्र के पिठला गांव से हिमाचल प्रदेश कुल्लू मनाली के रास्ते से ही परिवार के 10 सदस्यों सहित लापता हुए 11 लोगों में से 62 वर्षीय वृद्ध सहित वृद्ध की पुत्रवधू एवं 4 वर्षीय नातिन का शव रेस्क्यू के दौरान मिले होने की जानकारी उनके पैतृक गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया और घर पर मौजूद लोग दहाड़े मार-मार कर रोने बिलखने लगे। पैतृक घर पर मौजूद महिलाएं चीख चीख कर यही कह रही थी कि हम लोग कितने अभागे रहेगी अपने खून पानी का अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके।
बता दें कि पिठला गांव निवासी अब्दुल मजीद अपने दामाद रहबर समेत पूरे परिवार के साथ कुल्लू मनाली में रहकर मेहनत मजदूरी करके परिवार का गुजर-बसर कर रहा था। जो बीते 6 जुलाई को अब्दुल मजीद अपने परिवार में बेटे बहु व छोटे बच्चों तथा एक रिश्तेदार समेत 11 लोगों के साथ कुल्लू मनाली के लिए निकले थे। चंडीगढ़ तक अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के संपर्क में 8 जून की रात लगभग 12 बजे तक थे। लेकिन 8/9 जुलाई की रात व्यास नदी में आई प्रलयकारी बाढ़ में रोडवेज बस सहित कई वाहन बह गए थे। तब से ही इन परिवारों का कोई अता-पता नहीं चल रहा था। बीते 23 जून को ही एसडीएम मनाली रमन शर्मा ने ग्राउंड के ग्रीन टैक्स बैरियर से लगभग 300 मीटर नीचे नदी के बीच में पंजाब रोडवेज की पीबी 65 बीबी-4893 बस दबी होने की बात कही थी। कयास लगाया जा रहा था कि इसी बस में सभी लोग होंगे।
नदी में पानी कम हुआ मौसम साफ होने के बाद 1अगस्त को हिमाचल प्रशासन की टीम द्वारा बाढ़ में बही बस को नदी के पानी का रुख मोड़कर दो पोकलैंड मशीन से बस को बाहर निकाला गया। इस दौरान बस के नीचे से अब्दुल मजीद 62 वर्ष, परवीन 40 वर्ष, व अलवीरा 4 वर्ष का शव बरामद हुआ हैं। वहीं बस के चालक-परिचालक के अलावा मृतक अब्दुल मजीद की पत्नी नजमा 60 वर्ष, बेटा बहार 42 वर्ष, बेटा इश्तिहार 21 वर्ष, बेटी ओमाइशा, शबाना 19 वर्ष, करीना 18 वर्ष, पोता वारिस अली 10 वर्ष, पोती मौसम 6 वर्ष एवं रिश्तेदार एजाज 20 वर्ष अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
प्रभारी निरीक्षक थाना कुमारगंज संजीव सिंह ने बताया कि हिमाचल पुलिस प्रशासन ने तीन शव बरामद होने की सूचना दी है। जानकारी मिलने के बाद मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। लापता लोगों में से 3 लोगों का शव मिलने की जानकारी के बाद उनके पैतृक गांव पहुंचकर शोकाकुल परिवार जनों से बात की तब विभीषिका में मारे गए अब्दुल मजीद की 65 वर्षीय भाभी जहरा पत्नी सदीक ने फुट फुट कर रोते हुए कहा कि हम लोगों को पूरी जिंदगी पूरे परिवार के एक साथ बिछड़ने का गम कभी नहीं भूलेगा उन्होंने बताया कि हम लोगों की तमन्ना यही थी कि परिवार के सभी 11 लोगों का अंतिम संस्कार तो कम से कम अपने पूर्वजों के कब्रिस्तान में कर देते।
अब्दुल मजीद के छोटे भाई पुन्ने की पत्नी नूरजहां ने सिसकियां लेते हुए कहा कि हमारे जेठ परिवार में एक साथ बैठने के बाद कभी चर्चा होती थी तो कहते थे कि हमारी मिट्टी यही होनी चाहिए। लेकिन उनका वह भी सपना पूरा नहीं हो सका, क्योंकि कुल्लू मनाली में मौजूद अब्दुल मजीद के छोटे भाई पुत्तन एवं तीनों दामाद रहबर छंगू और गुलाब तथा उनकी बेटियों ने फोन पर उन्हें जानकारी दी है कि तीनों लोगों के शव बिल्कुल क्षत-विक्षत हो चुके थे। आधार कार्ड, मोबाइल और कपड़ों से ही उनकी पहचान हो सकी है। फिलहाल शवों के मिलने की जानकारी के बाद गांव में पूरी तरह से मातमी सन्नाटा पसर गया है और पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर मदद का भरोसा देते हुए ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा है।