-भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभानु पासवान ने 61710 वोटों से जीता उपचुनाव, कहा-यह अधर्म के खिलाफ धर्म की जीत
अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए शनिवार को मतगणना पुरी हो चुकी है। यहां भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को हरा दिया है। चंद्रभानु पासवान ने 61710 वोटों से जीत दर्ज की है।
मिल्कीपुर उपचुनाव पर मिली ऐतिहासिक जीत पर बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी की जनकल्याणकारी योजनाओं को हमने जनता तक पहुंचाया। इन योजनाओं से प्रभावित होकर लोगों ने वोट दिया। जनता ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए मतदान किया। यह अधर्म के खिलाफ धर्म की जीत है।
मिल्कीपुर के सभी विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले साल 2012 में सपा ने यह 34 हजार 260 मतों से बसपा प्रत्याशी को हरा कर जीत दर्ज की थी। 2017 के चुनाव में 28276 मतों से भाजपा के बाबा गोरखनाथ ने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को हराया था। 1974 तथा 1977 के चुनाव में हार जीत का अंतर लगभग 14 हजार रहा था। मत प्रतिशत में 1974 में लगभग 51 प्रतिशत मत प्राप्त कर धर्मचन्द्र विधायक बनें थे। मिल्कीपुर विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के उपरांत रिक्त हुई मिल्कीपुर विधान सभा का चुनाव प्रारम्भ से ही हाईटेक रहा। कानूनी अड़चनों के कारण प्रदेश में हुए अन्य उपचुनावों के साथ यहां का उपचुनाव नही सम्पन्न हो सका।
सपा की ओर से प्रत्याशी का चुनाव पहले ही कर लिया गया था। भाजपा ने आखिरी समय पर चन्द्रभानु पासवान के नाम पर मोहर लगाई। भाजपा सरकार के सात मंत्री लगातार मिल्कीपुर मे डेरा डाले थे। खुद मुख्यमंत्री ने यहां पर दो चुनावी सभाएं की। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने जनसभा तथा बृजेश पाठक ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन तथा युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया। वर्ष 2012 में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने बसपा प्रत्याशी पवन कुमार को 34260 मतों हराया था। अवधेश प्रसाद को 73803 तथा पवन कुमार को 39566 तथा भाजपा के रामू प्रियदर्शी को 32945 मत मिले थे। 2017 बाबा गोरखनाथ ने सपा के अवधेश प्रसाद को 28276 मतों से पराजित किया था।
1974 के चुनाव में कांग्रेस के धर्मचंद्र ने भारतीय जनसंघ के शंकर नाथ त्रिपाठी को 14949 मतों से हराया था। धर्मचन्द्र को 29557 तथा शंकर नाथ त्रिपाठी को 14608 मत प्राप्त हुए थे। मत प्रतिशत के आधार पर यही अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस चुनाव में विजयी प्रत्याशी को 51.76 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। 1989 में विजयी प्रत्याशी को 48.63 तथा 1985 में 48.52 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ था।
पीएम के नेतृत्व में यूपी सरकार के प्रति आमजन के अटूट विश्वास का प्रतीक है मिल्कीपुर की जीतः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर बधाई दी। सीएम ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यूपी सरकार के प्रति आमजन के अटूट विश्वास का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री ने भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान को भी बधाई दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ’एक्स’ पर लिखा कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय की सभी समर्पित पार्टी पदाधिकारियों एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं को हृदयतल से बधाई! यह विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ’डबल इंजन की भाजपा सरकार’ की लोक-कल्याणकारी नीतियों, सेवा, सुरक्षा और सुशासन को समर्पित यूपी सरकार के प्रति आमजन के अटूट विश्वास का प्रतीक है। सीएम योगी ने विजयी प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को बधाई देते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश की विकास-यात्रा और सुशासन को अपना मत प्रदान करने वाली मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता-जनार्दन का हार्दिक अभिनंदन! जय श्री राम!
भाजपा कार्यकर्ताओं आतिशबाजी कर किया खुशी का इजहार
– मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की प्रंचड जीत पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यालय पर जमकर जश्न मनाया। दिन में 11 बजे से ही भाजपा कार्यालय सिविल लाइन में ढोल- नगाड़े बजने लगे। अबीर गुलाल उड़ाते हुए कार्यकर्ता जमकर थिरके। एक दूसरे को बधाईयों का सिलसिला चलने लगा। पूरा माहौल उत्साह व जोश से भरा नजर आया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटाखें जलाकर जीत की खुशी साझा की।
मिल्कीपुर विधान सभा की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। पार्टी कार्यालय पर मतगणना का लाइव प्रसारण किया जा रहा था। पूरा पार्टी कार्यालय भाजपा पदाधिकारी व कार्यकताओं से खचाखच भरा था। प्रत्याशी चन्द्रभानु पासवान के कार्यालय पहुंचने पर शिक्षक नेता वीरेन्द्र बहादुर सिंह, कर्मवीर सिंह, बब्लू मिश्र, आशीष श्रीवास्तव ने 51 किलो की माला पहना कर स्वागत किया।
पार्टी कार्यालय पर प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक रामचन्दर यादव, पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू ने कार्यकताओं को मिठाई खिलाकर बधाई दी। प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि यह परिवारवाद पर विकास वाद की जीत है। मिल्कीपुर की जनता ने मोदी और योगी सरकार की नीतियां पर मुहर लगा दी है।
पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने कहा जिस तरह का नकारात्मक तथा समाज को बांटने वाली बातें विपक्षी कर रहे थे। उसका जवाब मिल्कीपुर की जनता ने दिया है। यह प्रचंड जीत सभी कार्यकताओं को सर्मपित है। नवनिर्वाचित विधायक चन्द्रभानु पासवान ने कहा कि जनता ने जो जिम्मेदारी दी है उस पर खरा उतरूंगा। जीत के लिए सभी कार्यकर्ता व जनता को आभार। विधायक रामचन्दर यादव ने कहा प्रचंड विजय विकास के प्रति जनता का सर्मथन है। कार्यकर्ताओं के परिश्रम की विजय हुई है।
महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि चुनाव परिणाम ने यह साबित किया है अयोध्या राम भक्तों की है। यहां के लोग हमेशा राम के थे राम के हैं तथा राम के ही रहेंगे। पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू ने कहा कि सरकारी योजनाओं तथा उसके सफल क्रियान्वयन जनता में भाजपा के प्रति उत्साह का माहौल था। जिससे यह प्रचंड जीत दर्ज हुई है।
जीत पर जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, अवधेश पाण्डेय बादल, कमला शंकर पाण्डेय, कृष्ण कुमार पाण्डेय खुन्नू, गिरीश पाण्डेय डिप्पुल, करूणाकर पाण्डेय, ब्लाक प्रमुख पवन सिंह, सुनील तिवारी शास्त्री, परमानंद मिश्र, शैलेन्द्र कोरी, अशोक कसौधन, राम मोहन भारती, अभय सिंह, इंद्रभान सिंह, नीरज श्रीवास्तव रिंकू, तिलकराम मौर्या, दिवाकर सिंह, ने कार्यकताओं को बधाई दी।
273-मिल्कीपुर (अ०जा०) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के लिए मतगणना कक्ष से प्राप्त होने वाली राउण्ड के उपरांत मत
Total votes EVM+ballot
Chandrabhanu Paswan- 146397
Ajeet Prasad- 84687
Ram Naresh Chaudhary – 1722
Sunita- 363
Santosh Kumar -5459
Arvind Kumar -425
Kanchanlata -286
Bholanath -1003
Vedprakash -507
Sanjay Pasi -1107Total- 241956
Nota- 1361
Rejected -43
सपा के अजीत प्रसाद ही बचा सके जमानत
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अजीत प्रसाद ही अपनी जमानत बचा सके। भाजपा के चंद्रभान पासवान 61 हजार से अधिक मतों के अंतर से निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद से चुनाव जीत गए। 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी के वोटों की सुनामी में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अजीत प्रसाद को छोड़ एक भी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सका। आठ उम्मीदवारों को इतना मत भी नहीं मिला की जमानत बचा सके। जमानत बचाने के लिए कुल मत का छठां हिस्सा मिलना अनिर्वाय है जो 40 हजार 530 होता है। सिर्फ सपा प्रत्याशी अजीतप्रसाद ही उससे ऊपर 84 हजार 655 मत मिले हैं। जो जमानत बचाने से दो गुना से अधिक है। अन्य आठ उम्मीदवारों में सर्वाधिक मत आजाद समाज पार्टी के संतोषकुमार को 5457 मत मिले जो जमानत बचाने के लिए बहुत कम है। अन्य आठ के मत संतोष कुमार से भी कम हैं।
अजीत प्रसाद की हार से समाजवादी पार्टी को झटका
भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव की पराजय के बदला मात्र आठ महीने में ले लिया। बदला भी ऐसे लिया कि जितने से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद में लोकसभा चुनाव जीता था उससे ज्यादा अंतर से उनके पुत्र अजीत प्रसाद को चुनाव हार दिया यह चुनाव अवधेश प्रसाद की सांसद निर्वाचन निर्वाचित होने के बाद हुआ है। इस झटके साथ विधानसभा में जिले से पार्टी का प्रतिनिधित्व शून्य हो गया। यही नहीं मिल्कीपुर विधानसभा उप चुनाव की यह हार लोकसभा सदस्य निर्वाचित अवधेश प्रसाद की 54 हजार 587 मतों की जीत से बड़ी भी हो गई। लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं।
अकेले मिल्कीपुर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने 61 हजार 710 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया। सांसद अवधेश प्रसाद ने कहाकि यह लोकतंत्र में वोटों की डकैती है। बाबा साहब के संविधान ने जो मतदान का अधिकार दिया था, अधिकारियों व कर्मचारियों ने उस पर डाका डाला। सत्ता पक्ष के तमाम तिकड़मों के बावजूद सपा को मिले 84 हजार 687 मत कम नहीं हैं।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर के साथ गोसाईंगंज विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी ने जीती थी। गोसाईंगंज सीट से निर्वाचित विधायक अभय सिंह अब भाजपा के हो चुके हैं। मिल्कीपुर से निर्वाचित विधायक अवधेश प्रसाद लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित होकर दिल्ली पहुंच चुके हैं। उसी के बाद यह उप चुनाव हुआ जिसमें सांसद अवधेश प्रसाद पुत्र अजीत प्रसाद को नहीं जिता सके। सीट को बरकरार रखने के लिए समाजवादी पार्टी ने उनके पुत्र अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान से वोटों के बड़े अंतर से उनको हार का सामना करना पड़ा।
अवधेश प्रसाद 2012 में मिल्कीपुर सुरक्षित सीट से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े थे। बड़े अंतर से वह जीते थे। निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के पवन कुमार को उन्होंने 39 हजार 452 मतों के अंतर से पराजित किया था। भाजपा प्रत्याशी रामू प्रियदर्शी तीसरे स्थान पर लुढ़क गये थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने उनसे यह सीट 28 हजार 276 के मतों के अंतर से छीन ली। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के गोरखनाथ बाबा से 12 हजार 916 मतों के अंतर से हार का बदला लेकर अवधेश प्रसाद फिर चुनाव जीत गये।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बनाये जाने पर वह सांसद निर्वाचित हो गए। दरअसल, लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के अवधेश प्रसाद की जीत के बाद उन्हें पीडीए के ब्रांड अंबेसडर की तरह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पेश करने लगे, इसे जीत की खुशी से ज्यादा भाजपा को चिढ़ाने की कोशिश माना जाने लगा। विधानसभा उप चुनाव में भाजपा ने अयोध्या की हार का बदला लेने का जो संदेश दिया उसने जिले के विधानसभा चुनाव के इतिहास की सबसे बड़े अंतर की जीत दिला दी।