संघ के कोटे में फैजाबाद लोकसभा सीट
अयोध्या। धर्मनगरी अयोध्या से जुड़े फैजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र-54 में भाजपा हाईकमान ने यदि रूदौली विधायक रामचन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वीटो का इस्तेमाल कर इन्हें चुनाव से बाहर का रास्ता दिखा देने की पूरी रणनीति तय कर चुका है। सूत्रों के अनुसार यदि भाजपा ने रामचन्द्र यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया तो आरएसएस वीटो का इस्तेमाल करेगी।
प्रतिष्ठा बनी फैजाबाद लोकसभा सीट की चुनावी नैय्या पार उतारने के लिए संघ को कमान सौंप दी गयी है। संघ के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम में बीते दिनों आरएसएस की एक गोपनीय बैठक हुई जिसमें चुनाव तैयारी को लेकर मंथन किया गया। माना जा रहा है कि भाजपा ने अयोध्या सीट को संघ कोटे में शामिल कर लिया है ऐसे में यह साफ हो गया है कि फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा का कोई ऐसा प्रत्याशी नहीं बनाया जायेगा जो संघ का स्वयंसेवक न हो। जातीय समीकरण के आधार पर कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा हाई कमान रूदौली विधान सभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक रामचन्द्र यादव को फैजाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारकर महागठबंधन के समीकरणों को ध्वस्त कर देगी। इसी के साथ पटरंगा क्षेत्र के युवा भाजपा नेता अंगद सिंह को फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने की भी तैयारी चल रही है। चूंकि अंगद सिंह का ज्यादातर समय दिल्ली में व्यतीत होता है इसलिए माना जा रहा था कि भाजपा के बड़े नेताओं के सम्पर्क का लाभ उन्हें मिलेगा परन्तु मौजूदा समय में अंगद सिंह टिकटार्थी की दौड़ से करीब-करीब बाहर हो गये हैं।
सांसद लल्लू सिंह को टिकट मिलने की प्रबल सम्भावना
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ज्यादातर जनपद के भाजपा विधायकों ने लल्लू सिंह की मुखालफियत करते हुए प्रदेश नेतृत्व को इन्हें टिकट न देने के लिए पत्र लिखे हैं ज्यादातर लोगों ने रामचन्द्र यादव का पक्ष लिया है। बताते चलें कि लल्लू सिंह का संघ से पुराना नाता रहा है बीते लोकसभा चुनाव में भी अयोध्या की सीट संघ के कोटे में चली गयी थी और उस समय विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल कोे फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का विचार भाजपा हाईकमान ने बनाया था। अशोक सिंघल ने खुद चुनाव न लड़ने का फैंसला करके संघ के स्वयंसेवक और अयोध्या क्षेत्र से चार बार रहे विधायक लल्लू सिंह को प्रत्याशी बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। यही नहीं आरएसएस सूत्रों का यह भी कहना था कि अशोक सिंघल ने साफ-साफ कह दिया था कि यदि लल्लू सिंह को भाजपा फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में नहीं उतारती तो वह विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे देंगे। अन्ततः अशोक सिंघल के दबाव में लल्लू सिंह को प्रत्याशी बना दिया गया था। चूंकि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रबल मोदी लहर थी इसलिए भारी मतों से लल्लू सिंह ने जीत हांसिल की थी। माना जा रहा है कि लल्लू सिंह भाजपा के एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें सर्व समाज का मत मिलता है यही नहीं तमाम मुस्लिम वर्ग के लोग भी इन्हें मत देते हैं अविवादित और साफ सुथरी तथा लोगों के दुख सुख में शामिल होने के कारण इनकी लोकप्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी ओर सपा-बसपा गठबंधन ने भी फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से अपने पत्ते नहीं खोले हैं क्योंकि उन्हें इस बात का इंतजार है कि भाजपा यहां से किसे टिकट देती है और जातीय समीकरण क्या बनता है। माना जा रहा है कि यदि लल्लू सिंह को प्रत्याशी भाजपा ने बनाया तो सपा-बसपा गठबंधन पूर्व सांसद स्व. मित्रसेन यादव के परिवार को मौका देगा। दूसरी ओर यदि रामचन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया तो पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय पवन को गठबंधन प्रत्याशी बनाया जा सकता हैै।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है। )