-अयोध्या से धूमधाम से निकली भरत मिलाप यात्रा, चित्रकूट में होगा ऐतिहासिक मिलन
अयोध्या। मणिरामदास की छावनी से निकलने वाली परंपरागत भरत यात्रा शुक्रवार को चित्रकूट के लिए रवाना हुई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने यात्रा को अपना आशीर्वाद दिया। इससे पहले भरत व शत्रुघ्न के स्वरूपों का वैदिक मंत्रोच्चारों के मध्य पूजन-अर्चन किया गया। यात्रा में गुरु वशिष्ठ की भूमिका में उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास सहित करीब 200 संत शामिल हैं।
52वीं श्री भरत यात्रा वैदिक मंत्रों के साथ शुक्रवार को उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के मार्गदर्शन में गाजे-बाजे के साथ संत-धर्माचार्यों व राम भक्तों को लेकर लगभग एक दर्जन चार पहिया व बसों से मणिराम दास जी की छावनी से चित्रकूट के लिए रवाना हुई। महंत कमल नयन दास ने बताया कि साकेतवासी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी की प्रेरणा से यह यात्रा विगत 52 वर्षों से मणिराम दास छावनी से चित्रकूट तक निकलती आ रही है।
यात्रा का उद्देश्य सामाजिक जीवन मूल्यों की रक्षा, समाज और परिवार को एक सूत्र में बांधना है। उन्होंने कहा श्रीराम और भरत का जीवन चरित्र समाज के लिए अनुकरणीय है। साधु-संतों, श्रद्धालुओं और रामभक्तों ने जय श्रीराम के उद्घोष के बीच यात्रा में भाग लिया। अयोध्या से चित्रकूट तक यात्रा कई स्थलों से गुजरेगी, जहां भक्तों की ओर से भव्य स्वागत की तैयारियां की गई हैं।
यात्रा में शामिल भक्तों का कहना है कि वे भगवान राम को मनाने चित्रकूट जा रहे हैं और शीघ्र ही प्रभु को लेकर अयोध्या लौटेंगे। भरत यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में प्रेम, एकता और मर्यादा के आदर्शों को सशक्त रूप से स्थापित करने वाला आयोजन बन चुकी है।