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तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पर भाकियू ने जताई खुशी

-एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जताई खुशी

अयोध्या। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद किसानों ने लड्डू खाकर/ खिलाकर खुशी का इजहार किया उक्त अवसर पर भारतीय किसान यूनियन जनपद अयोध्या द्वारा शहर के तिकोनिया पार्क में पंचायत करके हर्ष मनाया गया पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम वर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून की वापसी की घोषणा की है जोकि सराहनीय कदम है किसानों की जीत है परंतु रद्द करने की प्रक्रिया लोकसभा व राज्यसभा में होना है लोकसभा और राज्यसभा में रद्द होने के बाद तथा एमएसपी पर कानून बनने के बाद पूरी तरह से खुशी मनाई जाएगी और किसानों की जीत पूरी होगी। उक्त अवसर पर निवर्तमान जिला अध्यक्ष सूर्यनाथ वर्मा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुमन पांडे, मंडल महासचिव श्रीराम वर्मा, मीडिया प्रभारी फरीद अहमद में संयुक्त रूप से कहा कि अभी आधी अधूरी जीत हुई है जब तक पूरी जीत नहीं हो जाती अर्थात लोकसभा व राज्यसभा द्वारा कानून रद्द नहीं होते और एमएसपी पर कानून नहीं बनाए जाते तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

आगामी 22 नवंबर को लखनऊ के इको गार्डन की किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी जनपद फैजाबाद से भारतीय किसान यूनियन व संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ता पदाधिकारी व किसान ट्रेनों से बसों से किसान महापंचायत में भाग लेंगे आगामी 26 नवंबर को किसान आंदोलन का 1 वर्ष पूरा होने पर गाजीपुर बॉर्डर नई दिल्ली में महापंचायत कर की जाएगी तथा 29 नवंबर को 500 किसान ट्रैक्टरों से लोकसभा तक जाएंगे जिसमें भी फैजाबाद के कार्यकर्ता भागीदारी सुनिश्चित करेंगे आज की पंचायत में जिला अधिकारी को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया आज की पंचायत में जिला उपाध्यक्ष अरविंद यादव, शंकर पाल पांडे, शोभाराम यादव, राम अवध किसान, राम जन्म वर्मा, बाबूराम तिवारी, रामू चंद विश्वकर्मा ,नाथूराम यादव, मोहम्मद इस्लाम, अरविंद गोस्वामी, दानिश खान, कौसर अली खान, देवी प्रसाद वर्मा, लल्लू उपाध्याय ,अजय यादव, राकेश वर्मा, बैजनाथ निषाद, वीरेंद्र पांडे ,लीलावती, उर्मिला देवी ,राजेंद्र प्रसाद वर्मा, निर्मला देवी, अनुपा, कांति देवी, नफीसा खान सहित कई दर्जन लोग उपस्थित रहे।

भाजपा विधायक ने भी किसानों मिठाई खिलाकर दी बधाई

-विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने जोगी का पुरवा, दर्शननगर में किसानों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संवाद का लाइव प्रसारण सुना। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कृषि बिल वापसी के निर्णय को सुनकर के पश्चात् किसानों ने प्रसन्नता जताई। विधायक वेद गुप्ता ने किसानों को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
नगर विधायक ने कहा कि पिछले वर्ष मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पास किए गए तीन कृषि कानूनों को देश के अन्नदाता, किसान भाइयों की मांग को पूरा करते हुए गुरू पर्व के शुभ अवसर पर किसान भाइयों से अपने घर, अपने परिवार के बीच, अपने खेतों में लौट जाने की अपील की है।

चूकि तीनों बिल किसानों के हित में थे, कई किसान संगठनों ने बिल का समर्थन भी किया था, समय-समय पर किसानों से संवाद भी बनाया गया। उसके पश्चात भी किसानों के एक वर्ग ने बिल वापसी की मांग को जारी रखा। मोदी सरकार ने हमेशा लोकतंत्र की मांगो को ससम्मान स्वीकार किया है। इसीलिए प्रधानमंत्री जी ने बिल वापसी की मांग को स्वीकार किया। मैं सभी किसान भाइयों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इस महीने के अंत में प्रारम्भ हो रहे संसद सत्र में सरकार द्वारा कृषि कानूनों को रिपील करने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। साथ ही जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए डैच् को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन करने का निर्णय भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया है।

मोदी सरकार में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रभावी हुई है। 1 लाख करोड़ से ज्यादा मुआवजा किसानों को मिला है। छोटे किसानों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है। एम0एस0पी0 और खरीद बढ़ी है। सरकारी खरीद ने रिकार्ड तोड़े है। कृषि बजट 5 गुना बढ़ा है। और भी ऐतिहासिक कार्य कृषि क्षेत्र में हुये है। लोकतंत्र की मांग पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए सभी ऐतिहासिक निर्णयों का स्वागत है।

वामपंथी दलों ने पीएम मोदी की घोषणा का किया स्वागत

अयोध्या। वामपंथी दलों ने प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत किया है और इसे पूरे भारत में एक वर्ष से चल रहे किसान आन्दोलन की ऐतिहासिक जीत बताया है। एक वर्ष से चले संघर्ष में अब तक करीब सात सौ किसान शहीद हुए हैं। इस दौरान लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार का अहंकार व जिद जिम्मेदार है। उक्त आशय का वक्तव्य शुक्रवार को वामदलों की हुई बैठक में दिया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर न केवल कृषि भूमि को कारपोरेट के शिकंजे में जाने से बचाया बल्कि खाद्य सुरक्षा को बचाने के लिए भी अपना जीवन होम कर दिया।

आगे कहा गया कि यह किसान आन्दोलन देश में अपने हक़ अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों को प्रेरित करेगा कि बहुमत और सत्ता के मद में चूर सत्ता को झुकाने के लिए एकजुट आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है। वाम नेताओं ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है बल्कि एम एस पी की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक, चार श्रम कोड की वापसी तथा किसानों के हत्यारे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग भी शामिल है। भाकपा राज्य काउंसिल सदस्य अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित वामदलों की बैठक भाकपा (माले) जिला प्रभारी अतीक अहमद, श्रमिक नेता राम भरोस, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, किसान नेता उमाकांत विश्वकर्मा, यशोदानंदन, पवन वर्मा, बलराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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