-तीन कृषि कानूनों व गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी न होने पर गुस्सा
अयोध्या। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री ,गृह राज्य मंत्री का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराया गया। केंद्र सरकार से मांग की कि तीनों कृषि कानून वापस लेते हुए एमएसपी पर कानून बनाया जाए तथा लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी से रौदकर हत्या करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने वाले गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए।
भाकियू के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम वर्मा ने कहा कि साढ़े 10 माह से दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसानों द्वारा शांतिपूर्वक धरना दिया जा रहा है। मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को खुश रखने के उद्देश्य तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले रही है। उत्तर प्रदेश में धान खरीद नहीं हो पा रही है। कहा कि घमंड के चलते रावण की सोने की लंका ध्वस्त हो गई बहुत जल्द मोदी सरकार भी ध्वस्त हो जाएगी। निवर्तमान जिला अध्यक्ष सूर्यनाथ वर्मा ने कहा कि देश में महंगाई चरम सीमा पर है त्राहि-त्राहि मची है परंतु केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार सत्ता सुख भोगने में मस्त है जिसका परिणाम चुनाव में अवश्य भुगतना पड़ेगा।
पुतला जलाने को लेकर पुलिस प्रशासन व भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं में काफी नोकझोंक हुई फिर भी पुतला जलाने में कामयाब रहे। इस दौरान फरीद अहमद, भागीरथी वर्मा, जगतपाल सिंह, संतोष वर्मा, जगन्नाथ पटेल, विकास वर्मा, मुनीराम यादव, बुधीराम मौर्य, राम गणेश मौर्य, बाबूराम तिवारी नाथूराम यादव ,राज बहादुर वर्मा आदि शामिल रहे।
वामदल के नेताओं ने गिरफ्तारी पर जताई नाराजगी
अयोध्या। वामदल के नेताओं ने बिना किसी अभियोग अथवा वारंट के प्रदेश व जिले में वामपंथी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को अवैध व लोकतान्त्रिक बताकर नाराजगी जताई। लखीमपुर कांड में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने कई कार्यक्रमों की घोषणा की है। जिसके तहत शनिवार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले दहन का था।इन आंदोलनों को नैतिक समर्थन प्रदान किया है।
कहा कि कल रात से ही कई वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बिना कोई कारण बताये अथवा बिना वारंट दिखाये घरों से उठाकर थानों में निरुध्द कर दिया और कई वामपंथी नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया। भाकपा राज्य काउंसिल सदस्य अशोक कुमार तिवारी, भाकपा (माले) व माकपा जिला सचिव अशोक यादव ने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य सरकार अपने गुंडों और पुलिस प्रशासन के जरिये किसानों, व्यापारियों और गरीब तबकों की हत्यायेँ करा रही है। विरोध प्रदर्शन को पुलिस के बल पर रौंद रही है।