सपा-बसपा व रालोद के गठबन्धन घबरा गयी है भाजपा व आरएसएस
अयोध्या। संवैधानिक पद पर तैनात राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के द्वारा दिये गये बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी को दोबारा देश का प्रधानमंत्री और हम सब भाजपा के कार्यकर्ता हैं की निन्दा सपा-बसपा व रालोद गठबन्धन के प्रत्याशी आनन्दसेन यादव ने की। राज्यपाल ने यह बयान अलीगढ़ में आयोजित भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया था। गठबन्धन प्रत्याशी श्री सेन ने कहा कि लोकतंत्र व संविधान की धज्जियाॅं उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से माॅंग की कि संवैधानिक पद पर तैनात राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को तुरन्त हटाया जाय। श्री सेन रालोद द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में तैनात राज्यपाल भाजपा के एजेन्ट के रूप में काम कर रहे हैं। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष गंगासिंह यादव ने कहा कि भाजपा को देश की सत्ता से बेदखल कर देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चैधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनायेंगे। बसपा जिलाध्यक्ष महेन्द्र प्रताप आनन्द ने कहा कि भाजपा व आरएसएस के लोग सपा-बसपा व रालोद के गठबन्धन से पूरी तरह से घबरा गये हैं। रालोद के प्रदेश महासचिव विश्ववेशनाथ मिश्रा सूड्डू ने कहा कि झूठ बोलने वालों को जनता सबक सिखायेगी। रालोद के जिलाध्यक्ष चैधरी रामसिंह पटेल ने कहा कि देश की सभी संस्थाओं पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है जिससे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि सम्मेलन का संचालन रालोद के यूथ जिलाध्यक्ष रामशंकर वर्मा ने किया। सम्मेलन में रालोद की जिला कार्यकारिणी ने गठबन्धन प्रत्याशी श्री सेन का माला पहनाकर स्वागत किया। प्रवक्ता ने बताया कि 04 अप्रैल को शहीद भवन में केन्द्रीय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन लोकसभा चुनाव के प्रभारी व पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा करेंगे। इस मौके पर सपा-बसपा व रालोद के सभी नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि रालोद ब्लाक स्तर पर 05 अप्रैल से डोर टू डोर जनसम्पर्क अभियान की शुरूआत करेंगी। प्रवक्ता ने बताया कि सम्मेलन में बसपा नेता रोशन लाल त्यागी, इन्द्रसेन मौर्य व सपा के छोटेलाल यादव, सुरेन्द्र यादव, ज्ञान यादव, निर्मल वर्मा, जयसिंह यादव और रालोद के नेकराम वर्मा, अरविन्द सिंह महन्थ, शिवशंकर मिश्रा, बेचूलाल कोरी, मोहम्मद अफजाल, प्रमोद श्रीवास्तव, डा0 शान्ती देवी, देवीशरन वर्मा, विजय सिंह, विश्वनाथ पटेल, रामअजोर वर्मा, करियाराम वर्मा, हरिश्चन्द्र यादव, चन्द्र प्रकाश वर्मा आदि ने अपने-अपने विचार रखे।