शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं से कुलपति ने की अपील
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता की मुहिम चलाई जा रही है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने इलेक्ट्रानिक यू-ट्यूब चैनल एवं विश्वविद्यालय के रक्षक एप के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ, कर्मचारी संघ, अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से यह अपील की है कि देश में एक बेहद गंभीर महामारी के रूप में फैल रहे कोरोना वायरस से निपटने के लिए हम सभी को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना होगा। देश में 21 दिनों के लॉकडाडन में आप अपने घरों में रहे और एक लक्ष्मण रेखा मानकर उसे न पार करें। कुलपति ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में स्वैच्छिक अंशदान के लिए अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा को एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि इस राष्ट्रीय आपदा की घड़ी में अपने उत्तरदायित्व के बोध के साथ मेरे द्वारा 15 दिनों के वेतन को अंशदान के रूप में प्रदान किये जाने का संकल्प लिया गया है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों, शिक्षकां एवं कर्मचारियों ने भी स्वेच्छा से अपने एक दिन का वेतन अंशदान के रूप में देने का संकल्प लिया है। कुलपति ने बताया कि समग्रता के साथ अंशदान की यह धनराशि लगभग दस लाख रूपयें होने का अनुमान हैं। माह मार्च, 2020 देय अप्रैल, 2020 के वेतन से धनराशि की कटौती करते हुए संकल्पित धनराशि का चेक शीघ्र ही उनकों उपलब्ध करा दिया जायेगा।
कुलपति ने बताया कि भारत अपनी संस्कृति और अनुशासन के लिए सदियों से जाना जाता रहा है हम सभी भारतवासी इस महामारी से अनुशासित होकर मुकाबला करेंगे और सभी नागरिक अपने घरों में रहकर भारत सरकार की इस अपील का पालन करेंगे। कोरोना वायरस का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं खोजा जा सका है ऐसी स्थिति में हम सभी का घरों में ही रहना एकमात्र इलाज है इससे वायरस की इस चेन को तोड़ा जा सकता है इसी कारण 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है। 21 दिन का यह समय प्रत्येक भारतवासी के लिए एक बड़ी परीक्षा के रूप में है। हम आशा करते हैं कि इस परीक्षा में भारत पूरे विश्व में एक नई आभा के साथ निखरेगा। सभी विद्यार्थी, सभी कर्मचारी एवं शिक्षकगण प्रत्येक स्तर पर यह हर संभव कोशिश करें कि भारत सरकार के द्वारा खींची गई लक्ष्मणरेखा अपनी मर्यादाओं के साथ एक नई मिसाल बन सके। हम सभी सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़े है एवं सदैव सहयोग के लिए तत्पर है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन अध्ययन सामग्री एवं पठन-पाठन का कार्य नियमित रूप से कर रहा है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए हर संभव प्रयत्न कर रहा है कि वह घरों पर रहकर अपने अध्ययन कार्य करते रहें। भारत सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी करते रहें। विश्वविद्यालय को 14 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। अपरिहार्य कारणों से आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक एवं कर्मचारी को सेनेटाइजेशन के प्राटोकाल का अनुपालन करते हुए बुलाया जा सकता है।