-एयरपोर्ट के नज़दीक करीब 40 करोड़ की लागत से राजकीय निर्माण निगम कर रहा विशाल परियोजना का निर्माण, युवाओं को मिलेगा आधुनिक शिक्षा व शोध का केंद्र
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व अयोध्या को न केवल आध्यात्मिक, बल्कि तकनीकी शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप एक अत्याधुनिक केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संस्थान (सीपेट) का निर्माण कार्य जोरों पर है।
करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय निर्माण निगम द्वारा विकसित इस विशाल परियोजना से अयोध्या को एक नया तकनीकी हब मिलेगा, जो युवाओं को उच्च तकनीकी शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करेगा। यह संस्थान प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर की तकनीकी दक्षता से जोड़कर उत्तर प्रदेश को औद्योगिक और शैक्षिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
यह संस्थान अयोध्या के शैक्षिक परिदृश्य को बदलने वाला साबित होगा। इसमें प्रशासनिक भवन, अत्याधुनिक एकेडमिक ब्लॉक, आधुनिक प्रयोगशालाएं, और एक समर्पित रिसर्च सेंटर स्थापित किया जाएगा। ये सुविधाएं विद्यार्थियों को पेट्रोकेमिकल्स और प्लास्टिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों से परिचित कराएंगी। संस्थान में स्किल ट्रेनिंग सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) भी होगा, जो उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
विद्यार्थियों में उत्साह
स्थानीय लोगों और विद्यार्थियों में इस परियोजना को लेकर उत्साह है। यह संस्थान अयोध्या को एक वैश्विक शैक्षिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।परियोजना के पूर्ण होने पर यह न केवल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन को भी गति देगा।
योगी सरकार का विज़न
तकनीकी शिक्षा ही भविष्य की नींव है। अयोध्या के विद्यार्थियों को पेट्रोकेमिकल्स और आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों में दक्ष बनाकर, हम न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं। यह संस्थान पूर्वांचल के युवाओं को नई उड़ान देगा और उन्हें प्लास्टिक, पेट्रोकेमिकल और आधुनिक इंजीनियरिंग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने का अवसर देगा। परियोजना के पूरा होने पर अयोध्या का यह केंद्र तकनीकी शिक्षा और रोजगार के नए द्वार खोलेगा।
जानिये, क्या-क्या कार्य अब तक हुए
प्रशासनिक भवन (जी+1) का कार्य लगभग पूरा हो गए है। फिनिशिंग चल रही है। एकेडमिक भवन का 85 फीसदी, रिसर्च प्रोसेसिंग एन्ड टूल लैब का 90 फीसदी कार्य पूरा हो गए है। ब्वायज हॉस्टल 45 फीसदी, गर्ल्स हॉस्टल का 70 फीसदी, डायरेक्टर रेजीडेंस का 75 फीसदी, श्रेणी 2 के चार नग आवास का 60 फीसदी कार्य पूरा हो गए है। आंतरिक मार्ग व बाउंड्रीवाल तैयार हो चुकी है। इसके अलावा कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन पर कार्य शुरू होना है।
परियोजना का 80 फीसदी कार्य पूरा
राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र यादव ने बताया की 2022 के अंत में इस परियोजना की शुरुआत हुई थी। इस कार्य का पूरा करने का लक्ष्य अक्टुबर हैं। अब तक 80 फीसदी कार्य पूरा हो गए है। सेपटीक टैंक, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, अंडरग्राउंड सीवर लाइन व हार्टिकल्चर समेत अन्य कार्यों पर अब काम शुरू कराया जाएगा। प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि सभी कार्यों को समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना हैं साथ ही गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रोजेक्ट के परिणाम न केवल समयबद्ध हों, बल्कि उच्च मानक के भी हों।