श्रद्धालुओं ने आम दिनों की तरह मठ मन्दिरों में किया पूजन-अर्चन
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या इसबार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छह दिसम्बर को पूरी तरह सामान्य रही। कहीं भी तनाव नहीं दिखा, जनजीवन भी पूरी तरह सामान्य रहा। रोज की तरह मंदिरों में भी दैनिक पूजन का क्रम चलता रहा। आम दिनों के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या में भी खासा इजाफा दिखा। विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन-पूजन किया। वहीं पूर्वांचल के अनेक जनपदों से सपरिवार यहां आए श्रद्धालुओं ने अपने-अपने परिवार के बच्चों का मुंडन कराया। छह दिसंबर की सुबह सर्द हवाओं के बीच श्रद्धालुओं ने मां सरयू के पुण्य सलिल में डुबकी लगाई। पुनः नागेश्वरनाथ मंदिर होते हुए हनुमानगढ़ी व कनक भवन में दर्शन-पूजन किया। हनुमानगढ़ी में मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। इस बीच हर रास्ते पर सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद रहे और बाइक एवं वाहन चालकों का औचक रूप से परिचय पत्र भी जांचते रहे। इसके अलावा मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल व आईजी डॉ. संजीव गुप्त के अलावा डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी आशीष तिवारी भी भ्रमणशील रहकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। प्रशासनिक अफसरों से पूर्व में हुई वार्ता के अनुसार विहिप ने शौर्य दिवस का कोई आयोजन नहीं किया।मुस्लिम पक्ष ने प्रतीकात्मक रूप से यौमे गम का इजहार कियाः इसी कड़ी में मुस्लिम पक्ष की ओर से भी प्रतीकात्मक रूप से यौमे गम का इजहार किया गया। मस्जिदों पर पहले की तरह कहीं भी काले झंडे लहराते नहीं नजर आए और अयोध्या-फैजाबाद के जुड़वा शहरों में दूसरे समुदाय के अधिकांश प्रतिष्ठान भी खुले नजर आए। दोपहर तक यातायात जरूर सामान्य से कम दिखाई दिया लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही सड़क पर टेम्पो-टैक्सियों ने सवारियों की ढुलाई शुरू कर दी। चौराहों पर तैनात फोर्स ने भी यातायात को कहीं बाधित नहीं किया और बेरोकटोक सवारी वाहनों को आने-जाने दिया ।कुरानख्वानी के साथ छह दिसम्बर के मृतकों के लिए दुआ कीः अपराह्न एक बजे मस्जिदों में एकत्र नमाजियों ने पहले जुमे की नमाज अदा की और फिर कुरानख्वानी के साथ छह दिसम्बर की घटना में मारे गए लोगों के लिए दुआ की। इसके साथ विवादित ढांचे के ध्वंस के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए भी दुआ की गई। अलग-अलग संगठनों की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर विध्वंस के आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि रिव्यू पिटीशन पर फैसला आने तक अधिग्रहीत परिसर में विवादित स्थल पर किसी तरह का कोई परिवर्तन न किया जाए। मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने बिजली शहीद मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की। इसके विपरीत मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब व मो. उमर समेत अन्य ने टेढ़ी बाजार स्थित जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के साथ यौमे गम मनाया। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सात सूत्री ज्ञापन भी प्रेषित किया।