मेडिकल कालेज व जिला चिकित्सालय में बनाया गया रिजर्व वार्ड
अयोध्या। कोरोना वायरस की दस्तक की सम्भावना को लेकर अयोध्या का स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। चीन के विभिन्न शहरों से आये सात प्रवासी भारतीयों को जनपद के उनके घरों में ही सघन निगरानी में रखा जा रहा है इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डो पर तैनात भारत सरकार के निगरानी स्वास्थ्य अधिकारियों से सूचना प्राप्त हुई कि अयोध्या व अम्बेडकरनगर जनपदों के सात लोग विभिन्न गांव में रहते है जो चीन के कई शहरों से अपने घर लौटे है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य दल ने जो चीन से आये लोगों के नाम पते की सूची उपलब्ध कराया था उसके आधार पर चिकित्सकों का दल जाँच पड़ताल के लिये उनके घरों पर भेज गया। चिकित्सक दल ने सभी संदिग्धों के रक्त आदि का नमूना संग्रहित करके लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजा हैं जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। नोडल अधिकारी डा. अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि सात में से एक संदिग्ध अम्बेडकरनगर जिले का निवासी है। संदिग्ध सात में से पांच की निगरानी अवधि 28 दिन बीत चुकी है और उनमें वायरस होने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना वायरस का लक्षण 14 दिन के भीतर स्पष्ट हो जाता है। दो संदिग्ध 27 जनवरी को सूचीबद्ध किये गए थे जिनकी भी निगरानी अवधि बीत चुकी है परंतु 28 दिनों तक निगरानी जारी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि शासन स्तर पर निर्देशित किया गया है कि संदिग्धों का नाम पता पूरी तरह गोपनीय रखा जाये। एक फरवरी को जिस संदिग्ध की सूचना मिली है उसे भी संघन निगरानी में रखा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मेडीकल कालेज दर्शन नगर और जिला चिकित्सालय अयोध्या में कोरोना रिजर्व वार्ड बना दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डा. निशांत सक्सेना व जिला चिकित्सालय के नोडल अधिकारी डा. राम किशोर को बनाया गया है। इसके अलावा चिकित्सक दल में डा. अरविंद श्रीवास्तव व डा. सतेंद्र सिंह को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया की जैसे ही वायरस पीड़ित की पुष्टि होगी तुरन्त रिजर्व वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गम्भीर व चौकन्ना है।