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राम मंदिर निर्माण के लिए किया शिलापूजन
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2019 के पहले कानून न बना तो आरपार की लड़ाई के मूड में हिन्दू समाज: चक्रपाणि
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राम मंदिर मामला कोर्ट में अब सरकार का यह बहाना नहीं चलेगा: तूसी
अयोध्या । राम मंदिर निर्माण को लेकर लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली से निकली हिंदू स्वाभिमान यात्रा अयोध्या पहुंची जहां पर इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। यात्रा में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि तथा बाबर के वंशज प्रिंस याकूब हबीबूद्दीन तुसी भगवान का स्मृति चरण पादुका को लेकर अपने वंशजो के द्वारा मंदिर तोड़े जाने को लेकर माफी भी मांगी जिसके बाद राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन किया।
इस दौरान स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि आज हिन्दू स्वाभिमान यात्रा लेकर आये हैं जो 1528 में बाबर के सेना पति मीरबांकी ने राम मंदिर को तोड़ दिया था। प्रिंस याकूब हबीबूद्दीन तुसी ने बाबर के वंशज होने के नाते हिन्दू समाज से माफी भी माँगा और अयोध्या आकर भगवान श्रीराम का दर्शन कर मंदिर निर्माण के लिए शिला पूजन किया तथा बताया कि 2014 में भाजपा की सरकार को इसी बात के साथ सत्ता में लाए थे कि पूर्ण बहुमत होते ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा लेकिन अभी तक मंदिर निर्माण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और अब 2019 का चुनाव आने से पहले यदि मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून नहीं बनाया गया तो अब जनवरी में होने वाले महाकुंभ के दौरान संसद धर्म संसद और उसके बाद हिन्दू से संसद होगा जिसमे हिंदू समाज आर पार की लड़ाई के लिए निर्णय करेगा । अब बहुत हो चुका अब हिंदू नहीं रुकेगा ।
प्रिंस याकूब हबीबूद्दीन तुसी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कर इस मानले को समाप्त किया जाये इसके लिए हम कई बार उत्तर प्रदेश सरकार से मुलाकात करें की कोशिश की हैं सरकार को यह बताना चाहता हूँ कि यदि मामला टाइटल सूट का हैं तो यह जमीन बाबर की हैं और मैं बाबर का वंशज होने के नाते यह जमीन राष्ट्रपति को दे रहा हूँ अब जल्द मंदिर का निर्माण शुरू कराये। इसके लिए सबसे पहले सोने की पहली ईंट हम रखेंगे. तथा बताया कि राम मंदिर मामला कोर्ट में अब सरकार का यह बहाना नहीं चलेगा। देश राजनीति से तंग आ चुकी हैं इस देश का मुसलमान भी चाहता हैं मंदिर बने और देश में अमन चयन कायम हो।