महावीर मंदिर पटना जंक्शन का सरवराहकार महंत महेंद्र दास व पुजारी फलाहारी सूर्यवंशी दास को हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन महंत प्रेमदास सहित सभी पंचो ने नियुक्त किया
अयोध्या। रामनगरी के प्रसिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर पर मालिकाना हक जताया है। हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी का कहना है पटना के महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी का हक है। रामानंदी निर्वाणी अनि अखाड़ा हनुमानगढ़ी के पंचाननगण ने बहुमत से महंत महेंद्र दास चेला स्वर्गीय महंत राम गोपाल दास जी महाराज को महावीर मंदिर पटना जंक्शन का सरवराहकार महंत नियुक्त किया तथा महंत रघुनाथ दास को धर्म प्रचार प्रसार हेतु महावीर मंदिर पटना का परमाचार्य पूर्व की भांति बनाया गया। इसी के साथ मुख्य पुजारी के रूप में फलाहारी सूर्यवंशी दास को पुनः नियुक्त किया गया क्योंकि किशोर कुणाल ने पुजारी को पद मुक्त कर के मंदिर से निकाल दिया था।
हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेम दास जी महाराज ने कहा कि 350 वर्ष पहले पटना महावीर मंदिर की स्थापना स्वामी बालानन्द जी महाराज ने किया था जो उसी समय से लेकर श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अनि अखाड़ा के शाखा के रूप में प्रसिद्ध हुआ। महाराज जी ने बताया कुछ वर्ष पहले किशोर कुणाल ने मंदिर पर आधिपत्य स्थापित किया और रामानंदी परंपरा का समूल नाश करने लगे मंदिर की संपत्ति को पैतृक मानकर देश के विभिन्न राज्यों में करोड़ों की निजी संपत्ति बनाई। जिसको लेकर अयोध्या के सिविल कोर्ट में किशोर कुणाल तथा अन्य विपक्षी गणों पर हनुमानगढ़ी की तरफ से मुकदमा भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत का पहला मंदिर है जहां 28 वर्ष पहले दलित पुजारी की नियुक्ति हुई क्योंकि रामानंद संप्रदाय जातिपाती को नहीं मानता है सबको लेकर चलने का प्रयास करता है। श्री महाराज जी ने बताया कि अगर किशोर कुणाल हनुमानगढ़ी में आते हैं पंचों के समक्ष माफी मांगते हैं तो पंच विचार करेंगे उनको माफ करने के लिए।
नवनियुक्त महंत महेंद्र दास ने कहा कि महावीर मंदिर पटना की व्यवस्था चरमरा गई है मैं पुनः रामानंदी परंपरा के अनुसार व्यवस्थित करूगा और मंदिर द्वारा चलाई जा रही सेवाएं अनवरत जारी रहेगी। इस अवसर पर हनुमानगढ़ी के श्रीमहंत ज्ञानदास जी महाराज के उत्तराधिकारी संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास महंत डॉ महेश दास महंत सत्यदेव दास महंत बलराम दास महंत रामजी दास पुजारी हेमंत दास अभिषेक दास मामा दास सहित सैकड़ों नागा संत महंत उपस्थित रहे।