-श्रीराम शोध-पीठ एवं कोशल संग्रहालय का त्रिनीडाड एण्ड टोबैगो के एम्बेस्डर ने किया भ्रमण
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के श्रीराम शोधपीठ एवं कोशल संग्रहालय का त्रिनीडाड एण्ड टोबैगो के एम्बेस्डर डॉ० रोजर गोपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह द्वारा सोमवार को भ्रमण किया गया। मुख्य अतिथि एवं कुलपति ने कोशल संग्राहालय में स्थापित पुरातात्विक मूर्तियों एवं स्मारकों के चित्रण का सूक्ष्म अवलोकन किया। कार्यक्रम के तहत श्रीराम शोध-पीठ में व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ० रोजर गोपाल ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में गैर शासकों ने राज किया किन्तु भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को नहीं परास्त कर सके। आज भी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता पूरे विश्व में अपना विशेष महत्व रखती है। उन्होंने कहा कि दुनियां भर के पर्यटकों को अयोध्या नगरी काफी आकर्षित करती हैं। प्रभु श्रीराम का गुणगान पूरे विश्वभर में हो रहा है। उन्होंने बताया कि अपने तीन दिवसीय अयोध्या प्रवास के दौरान अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया एवं सरयू आरती में प्रतिभाग किया। उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अयोध्या प्रभु श्रीराम ऐसी तपोभूमि है जहां बार-बार आने का मन करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने अपने संबोधन में त्रिनीडाड एण्ड टोबैगो के एमबेस्डर का विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्रीराम शोधपीठ आने के लिए आभार व्यक्त किया।
कुलपति ने बताया कि दीपोत्सव-2021 को भव्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय को पुनः दायित्व मिला है। इसमें हम सभी की सहभागिता सक्रिय रूप से होनी चाहिए। प्रभु श्रीराम हम सभी के आराध्य है और सभी के ह्दय में बसते है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि पढाई के साथ-साथ इस तरह के कार्यकमों में प्रतिभाग करते रहना चाहिए। विश्वविद्यालय के कला संकायाध्यक्ष एवं मुख्य नियंता प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत सुन्दर काण्ड की आतिथ्य भाव पकट करते हुए कहा कि प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा। गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।। इस नगर में प्रवेश करने वाले समस्त प्राणी यदि अपने हृदय में प्रभु श्रीराम का नाम लेकर कोई कार्य करेंगे तो उसमें सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने तुलसी दास एवं वाल्मिकि के जीवन से सम्बन्धित धार्मिक तथ्यों को प्रस्तुत किया। प्रो0 सिंह ने आगे कहा कि देवताओं में हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं, जिन्हें सिन्दूर चढाये जाने की मान्यता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो0 सिंह का स्वागत कला संकायाध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेटकर किया। कार्यक्रम का संचालन एम०टी०ए० विभाग की सहायक आचार्य साक्षी सिंह एवं छात्रा ज्योति तिवारी ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डॉ० संग्राम सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो0 राजीव गौड़, डॉ० डी० एन० वर्मा, डॉ0 दिलीप सिंह, डॉ० सरोज सिंह, डॉ० मो० सादिक एवं इं० अनुराग सिंह, इं० पियूष राय दिव्यव्रत सिंह, शोधार्थी सुरेन्द्र यादव एवं विभागीय छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।