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अवधपुरी रघुनंदन आये, घर घर नारी मंगल गाये…

-अयोध्या राम की पैड़ी पर दीपोत्सव में आज बनेगा एक और विश्व रिकार्ड


अयोध्या। अवधपुरी रघुनंदन आये, घर घर नारी मंगल गाये…अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा के खानि… रामचरित मानस में वर्णित ये पंक्तियां अयोध्या में साकार रूप लेती दिख रही हैं। लंका विजय के बाद प्रभु राम के मां सीता व लक्ष्मण के साथ अयोध्या आगमन की सूचना से अयोध्या चमक रही है। राम के स्वागत में रामनगरी का भव्य श्रृंगार किया गया है। बुधवार को रामकथा पार्क में राम का राज्याभिषेक होगा और सीएम योगी राजतिलक करेंगे। इस खुशी में राम की पैड़ी पर 25 लाख दीप जलेंगे।

हेलीकॉप्टर से बुधवार को प्रभु राम, मां सीता और अनुज लक्ष्मण के स्वरूप पवित्र सरयू के तट पर आएंगे। गुरु वशिष्ठ के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी करेंगे। मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल प्रभु राम के स्वागत के लिए पलक पांवड़े बिछाए बेसब्र नजर आएंगी। स्वागत में अवध विवि समेत विभिन्न कॉलेजों के बच्चे जहां राम की पैड़ी पर 25 लाख लाख दीप जलाएंगे। पूरी नगरी बुधवार की शाम दीपमय होकर राक्षसों का संहार करके लौटे प्रभु राम के आगमन की खुशियां मनाएगी। सड़कों-गलियों में तोरण द्वार और पताकाएं, दरवाजों पर स्वास्तिक और सीता-राम के चित्र उकेरे गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी गुरु वशिष्ठ की भूमिका में राज्याभिषेक के लिए तिलक करेंगे। रामकथा पार्क में इस तरह मंच बना है कि सबसे ऊंची राजगद्दी पर राजा राम-सीता व लक्ष्मण समेत चारों भाई, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत, अंगद, नल-नील स्वरूप विराजमान होंगे। चरणों में पूरी सरकार बैठेगी, यानि परम सत्ता के चरणों में राजसत्ता बैठी नजर आएगी। साथ ही राजा राम के चरणों में संत-धर्माचार्य भी बैठे दिखेंगे। रामकथा पार्क में रामदरबार की थीम पर 90 फीट लंबा भव्य मंच सजाया गया है।

1100 संत-धर्माचार्य करेंगे सरयू महाआरती

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रामकथा पार्क में राज्याभिषेक समारोह के बाद सीएम योगी, राज्यपाल व केंद्रीय मंत्री समेत साधु-संत समेत सरयू तट पहुंचेंगे। जहां 1100 संत-धर्माचार्य, वैदिक आचार्य, संस्कृत छात्र व अन्य लोग मिलकर मां सरयू की महाआरती उतारेंगे। यह अनूठा आयोजन होगा, रिकॉर्ड के लिए यहां गिनीज बुक की टीम मौजूद रहेगी। इसके बाद सीएम योगी राम की पैड़ी परिसर में जैसे ही पहला दीया प्रज्वलित करेंगे, पूरी रामनगरी रोशन हो उठेगी। राम की पैड़ी परिसर में ही लेजर शो व प्रोजेक्शन मैपिंग से रामकथा की भी प्रस्तुति होगी। इसके बाद सीएम वापस रामकथा पार्क पहुंचेंगे और विदेशी रामलला व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे।

दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण

  • राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों का प्रज्वलन
  • राम की पैड़ी पर लेजर शो, प्रोजेक्शन मैपिंग
  • पुराने सरयू पुल पर आतिशबाजी, ड्रोन शो
  • रामकथा पार्क में छह देशों की रामलीला का मंचन
  • दस स्थानों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति
  • रामकथा के प्रसंगों पर 11 रथों पर झांकी, 16 राज्यों के 1200 कलाकारों की प्रस्तुतियां
  • 84 कोस के 200 मंदिरों में दीपोत्सव

496 साल बाद भव्य दिवाली मनाएंगे रामलला, फूलों से सजा राम मंदिर

अपने भव्य और दिव्य महल में विराजे रामलला की पहली दीपावली को लेकर अयोध्या में इस कदर उल्लास है कि दिन और रात एक हो गए हैं। बजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आए हैं…जैसे गीत रामनगरी की फिजाओं में गूंज रहे हैं। सजी-धजी, चमक-दमक रही अयोध्या को निहारने की उत्सुकता में देर रात तक श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। उधर राममंदिर में 496 साल बाद भव्य दीपावली की तैयारी पूरी हो चुकी है। बुधवार से राममंदिर में दो दिनों तक उत्सव होगा, एक लाख दीप जलेंगे, अनुष्ठान होंगे।

राम मंदिर की मुक्ति का संघर्ष 1528 से शुरु हुआ था। इस संघर्ष में लाखों बलिदान हुए। 22-23 दिसंबर 1949 की रात विवादित परिसर में रामलला प्रकट हुए तो एक चबूतरे पर उनकी पूजा-अर्चना होने लगी। फिर छह दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस होने के बाद रामलला टेंट में आ गए। 25 मार्च 2020 तक यानि करीब 28 साल तक रामलला टेंट में रहे। जब तक रामलला टेंट में रहे सर्दी, गर्मी, बरसात की मार झेलते रहे। उत्सव, होली, दीपावली जैसे त्योहार केवल परंपरा निर्वहन तक ही सीमित थे।

फिर नौ नवंबर 2019 को रामलला के हक में सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आ गया और रामलला के टेंट से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ। 25 मार्च 2020 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से रामलला को अस्थायी मंदिर में विराजित किया। अस्थायी मंदिर में रामलला करीब 46 महीने तक रहे। 22 जनवरी को वह दिन आ गया जिसका इंतजार सदियों से था। पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की भव्य महल में प्राण प्रतिष्ठा की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दीपावली है इसलिए पूरे शान से मनाने की तैयारी है। परिसर में 30 व 31 अक्तूबर को 50-50 हजार दीप जलेंगे। रामलला को 56 भोग अर्पित किया जाएगा, विशेष अनुष्ठान होगा।

दीपावली पर विशेष पोशाक में दर्शन देंगे रामलला

रामलला दीपावली पर विशेष पोशाक में दर्शन देंगे। डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया कि प्रभु की दीपावली की पोशाक बेहद खास है। इसमें 11 से 12 मीटर कपड़ा लगा है और इस विशेष पोशाक के लिए साउथ सिल्क को चुना है। दिवाली बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी और बृहस्पतिवार को पीले रंग के वस्त्र रामलला धारण करते हैं। इसलिए भगवान पीतांबर वस्त्र में दर्शन देंगे। इसमें सोने-चांदी के तारों से सिलाई की गई है। पोशाक में कढ़ाई से वैष्णव चिह्न बने होंगे। हम राजा की सेवा कर रहे हैं, इसलिए उनकी सेवा और पहनावा उसी स्तर का होता है।

यह बालकराम वाली दिवाली है : डॉ. अनिल मिश्र

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा का कहना है कि राममंदिर में रामलला राजकुमार के रूप में विराजमान हैं। पहली दीपावली भी राजसी अंदाज में होगी। पूरा मंदिर रंगोली, शुभता के प्रतीक व फूलों से सजा है। भव्य तोरणद्वार बने हैं। विशेष प्रकार की लाइटिंग आकर्षण बढ़ा रही है। चार दिन तक दर्शन पथ के चेकिंग प्वाइंट तक श्रद्धालुओं को आने का मौका मिल रहा है। यह बालकराम वाली दीपावली है।

वहीं रामलला के पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि टेंट में रामलला के दुर्दिन भी देखे हैं, त्यौहारों पर रामलला नए पोशाक के लिए तरस जाते थे। जैसे-जैसे त्योहार मनाए जाते थे। जब से रामलला मंदिर में विराजे हैं, हर दिन उत्सव है। रामलला की पहली दीपावली की भव्यता पूरी दुनिया देखेगी, नया इतिहास बनेगा। यह दृश्य देखकर जीवन धन्य हो गया है, भावविभोर हूं।

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