-श्रीलंका सरकार के दो मंत्री व राजदूतो के प्रतिनिधिमंडल ने किया रामलला का दर्शन
अयोध्या। श्रीलंका की अशोक वाटिका स्थित सीता माता के मंदिर की शिला भगवान रामलला को समर्पित कर दी गई है। श्रीलंका सरकार के दो मंत्री व राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल ने रामलला दरबार में दर्शन करने के बाद उनकी आरती उतारी। वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी ने पड़ोसी देश से आए मेहमानों को रामनामी ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। सभी ने जाते समय राम-राम भी किया।
गुरुवार की सुबह 11 बजे के लगभग श्रीलंका का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अयोध्या पहुंचा। जिसमें हाई कमिश्नर मिलिंद मोरागढ़ व उनकी पत्नी जेनिफर मोरागढ़, डिप्टी हाई कमिश्नर निलुका कदुरुगमुआ, मंत्री एचजीयू पुष्पकुमारा, मंत्री जीकेजी सारथ गोड़ाकंडा व सीनियर प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक नथानी शामिल रहे। सभी ने राम मंदिर पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया। इसके बाद भगवान राम को अशोक वाटिका से लेकर आए शिला को समर्पित किया।
इस दौरान सांसद लल्लू सिंह, नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल मिश्रा भी मौजूद रहे। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने श्रीलंका से आए मेहमानों को रामनामी ओढ़ाकर उन्हें आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात सभी ने भगवान राम की आरती भी उतारी। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल शाम को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेगा।
इस दौरान डिप्टी हाई कमिश्नर निलुका कदुरुगमुआ ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण दिन है। हम अशोक वाटिका स्थित एकमात्र सीता माता के मंदिर से शिला लेकर आए थे, जिसे रामलला को समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच के रिश्ते और मजबूत होंगे। इससे पहले श्रीलंका ने एमओयू साइन किया था। जिसके बाद रामायण कालीन यात्रा शुरू हुई थी। श्रीलंका में भी अशोक वाटिका व संजीवनी बूटी स्थल समेत कई तीर्थस्थल हैं। जहां लोग दर्शन करने आते थे। फिलहाल कोरोना के बाद से यह यात्रा बंद चल रही है। उन्होंने सभी को एक बार फिर से श्रीलंका आने का निमंत्रण दिया है। निलुका कदुरुगमुआ ने यह भी बताया कि राम मंदिर दर्शन करने के लिए वहां के हिंदू भी आएंगे। वहां भी दीवाली धूमधाम से मनाई जाती है।