-अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते प्रकरण पर नहीं हो सकी सुनवाई
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या की आचार्य पीठ तपस्वी छावनी महंती विवाद का मामला जिले की सिविल अदालत में है। सोमवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते इस प्रकरण पर सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं कड़ी सुरक्षा के बीच तपस्वी छावनी में महंत सर्वेश्वर दास के निधन को लेकर आयोजित भंडारा सकुशल निपट सम्पन्न हो गया।
गौरतलब है कि बीते 30 अगस्त को रामनगरी के सबसे प्राचीन 14वीं शताब्दी में स्थापित आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास का निधन हो गया था। महंत के निधन को लेकर 12 सितंबर को भंडारा और नए महंत की ताजपोशी के लिए कंठी-चादर का कार्यक्रम तय किया गया था। परमहंस आचार्य खुद को उत्तराधिकारी महंत मान रहे थे हालांकि उत्तराधिकार के विवाद में पहले ट्रस्ट की ओर से गुजराज अहमदाबाद के महंत दिलीप दास और फिर गुजरात के ही महंत हरिवंश दास उर्फ औलिया बाबा ने इंट्री मार दी।दोनों पक्षों की ओर से गोलबंदी हुई। एक तरफ हनुमानगढ़ी के नागा संत खड़े हुए तो दूसरी ओर प्रमुख पीठों के संत-महंत। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात लेकर पुलिस और प्रशासन के पास पहुंचे। फिर मामला जिले की सिविल अदालत में पहुंच गया।
शनिवार को जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों की पंचायत कराई और सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि उत्तराधिकार के मामले में दोनों पक्ष अदालत का फैसला मानेंगे तथा सोमवार को मंदिर में केवल भंडारा होगा। सुलह-समझौते के बावजूद किसी विवाद अथवा अनहोनी को टालने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए। तपस्वी छावनी के चारों ओर मोबाइल बैरियर लगा बैरिकेट किया गया था तथा फायर दस्ते के साथ भारी तादात में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कड़ी चौकसी के बीच भंडारा संपन्न हुआ। आचार्य पीठ की परंपरा से जुड़े औलिया बाबा, दिलीप दास समेत अन्य तथा बहुतायत से हनुमानगढ़ी के नागा संतों ने हिस्सा लिया।