-कहा-विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों, मौलवियों सहित हलवाइयों व बैंडबाजा वालों का भी मिल रहा सहयोग
अयोध्या। जिले में पिछले पाँच महीनों में 175 बाल विवाह को अपराजिता सामाजिक समिति ने रूकवाया है। उक्त जानकारी समिति की डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर कविता ने प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान से बाल विवाह के उन्मूलन की लड़ाई को नई गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों और मौलवियों सहित धार्मिक नेताओं, हलवाइयों, बैंड बाजा वालों और अन्य सभी हितधारकों ने इस अभियान का समर्थन किया है।
अपराजिता सामाजिक समिति बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे 250 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है। अपराजिता ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही जिले में 175 बाल विवाह रुकवाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए गैरसरकारी संगठन अपराजिता सामाजिक समिति के निदेशक किरन बैस ने कहा, “यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम पहले से ही इस रणनीति पर काम करते आ रहे हैं।
हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है। इस मौके पर मौजूद एक बाल विवाह पीड़िता रेशू यादव ने इस अपराध के खात्मे के लिए सरकार के संकल्प पर संतोष जताते हुए इस मौके पर कहा, उनकी मा का विवाह बचपन मे ही हो गया था और कुछ व्यक्त बाद उनके पिता ने उनकी माता को छोड़ दिया और तब तक रेशू का जन्म हो चुका था रेशू की मा की शादी जबरन कहीं और करवा दी गई रेशू का पालन पोषण उनके मामा ने किया थोड़ा बड़ा हो जाने के बाद रेशू का भार उतारने के लिए उसके मामा ने उसकी शादी तय कर दी किन्तु तभी उनकी मुलाकात कविता से हुई जो अपराजिता सामाजिक समिति मे डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डनैटर हैं कविता ने उनके मामा जल्दी शादी कर रहे थे कविता ने उनको समझा बुझा कर शादी रुकवा कर उसको एक नया जीवन दिया आज मै अच्छे से पढ़ाई कर रही हूँ और आगे चल कर एक बड़ी अधिकारी बनना चाहती हूँ । बाल विवाह के खिलाफ यह सामूहिक लामबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में हुई जिसकी शुरुआत 27 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की थी।