-सोशल मीडिया पर दिनभर सत्ता दल के प्रत्याशी समर्थक अपने को बताते रहें विजेता
-मतगणना समाप्त होने के 20 घंटे बाद प्रशासन ने दिया प्रमाण पत्र
मिल्कीपुर। सोमवार को देर शाम विजयी घोषित किये गये अंकित पाण्डेय को आखिकार काफी जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने जीत का प्रमाण पत्र दे दिया। जिला पंचायत सदस्य पद हेतु संपन्न हुई मतगणना के बाद मिल्कीपुर चतुर्थ से चुनाव जीते निर्दल प्रत्याशी अंकित पांडे पुत्र राजन पाण्डेय को जीत का प्रमाण पत्र दिए जाने में सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेताओं के दबाव के चलते घंटों हीला हवाली होती रही और भाजपा समर्थित रन प्रत्याशी कमलेश यादव को हार के बावजूद भी जीत का प्रमाण पत्र दिलाए जाने की जुगत में लगे रहे। कुछ लोगों द्वारा सत्तादल के प्रत्याशी को सोशल मीडिया पर विजेता घोषित कर दिया।
फिलहाल काफी जद्दोजहद एवं फजीहत के बाद जिला प्रशासन नींद से जागा और उन्हें निष्पक्ष चुनाव एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता याद आ गई। आखिरकार लगभग 20 घंटे तक प्रशासनिक अमले में खिचड़ी पकने के बाद जनमत पाकर जिला पंचायत सदस्य पद पर विजई प्रत्याशी अंकित पांडे को जीत का प्रमाण पत्र मिल सका।
उधर चुनाव को प्रभावित होता देख मीडिया कर्मियों ने मामले को प्रमुखता से प्रचारित प्रसारित करना शुरू कर दिया। यही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित राज्य निर्वाचन आयोग को भी ट्वीट भेज कर मामले का संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की मांग की थी। फिर क्या था जीत का प्रमाण पत्र देने को लेकर चल रही नौटंकी का अंत होना शुरू हुआ। आखिरकार अंततः जिला पंचायत सदस्य पद का प्रमाण पत्र निरदल प्रत्याशी अंकित को मिल ही गया।
देर आए लेकिन दुरुस्त आए की कहावत प्रशासन ने आखिरकार चरितार्थ कर दिया और एक बार फिर निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की सूची में अयोध्या जिले का नाम एक बार फिर से जोड़ दिया उधर दूसरी तरफ निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अंकित पांडे को जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद समूचे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई और लोगों ने प्रशासन द्वारा सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेताओं के दबाव को नजरअंदाज कर प्रशासन के इस निर्णय को सराहा।