-सच को सच व झूठ को झूठ लिखने के लिए कलमकारों का किया आह्वान
अयोध्या। जनवादी लेखक संघ (अंजुमन जम्हूरियत पसन्द मुसन्फ़ीन) की मासिक गोष्ठी एवं रचनापाठ का आयोजन शहर के आभा होटल सभागार में किया गया। गोष्ठी में लेखक संघ की आगामी कार्ययोजना पर बातचीत हुई और आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के स्वरूप पर विचार-विमर्श किया गया। इससे पहले डॉ विशाल श्रीवास्तव द्वारा विगत 22 अक्टूबर को बुद्ध के जीवन पर केंद्रित सचल कार्यशाला और यात्रा के स्वागत कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रमों के समीक्षा करते हुए यह तय किया गया कि सदस्यों की समयबद्ध उपस्थिति और सक्रियता अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मौके पर गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे उर्दू के आलोचक मो. जफर अंसारी ने सदस्यों की कविताओं और रचनाओं के पाठ की सराहना करते हुए शायरी और कविता को मौजूदा समय की ज़रूरत करार दिया। संचालन करते हुए सै. मुज़म्मिल अहमद फ़िदा (कार्यकारी सचिव) ने बखूबी अपनी भूमिका को निभाते हुए सच को सच और झूठ को झूठ लिखने के लिए कलमकारों का आह्वान किया और अपने अशआर प्रस्तुत किए।
विशेष आमंत्रित कवि-आलोचक आर डी आनंद ने अपनी वैचारिक कविता से ध्यानाकर्षण किया। डा. विशाल श्रीवास्तव ने यह बात रखी कि संगठन में वैचारिक और अकादमिक कार्यक्रमों पर बल दिया जाना चाहिए और राज्य समिति के निर्देशों के अनुरूप कार्यक्रमों की कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। गोष्ठी के संयोजक सत्यभान सिंह जनवादी ने एक कविता की प्रस्तुति के साथ साहित्य-साधना कर रहे साथियों का शुक्रिया अदा किया।
प्रतिष्ठित कवि डा. विशाल श्रीवास्तव ने ’एक पत्ता’, वरिष्ठ शायर इल्तिफ़ात माहिर ने अपनी मकबूल नज़्में, एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने गीत और ग़ज़ल, युवा कवि कबीर ने ग़ज़ल, युवा कवयित्री मांडवी सिंह ने ‘अंतर्द्वंद्व’, अनिल अग्रवाल ने अपनी मुक्त कविताओं का पाठ किया। गोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि मासिक गोष्ठियों का क्रम यूं ही चलता रहेगा और सभी सदस्य बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करेंगे।