अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करना संवैधानिक अधिकार : भाकपा
अयोध्या। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कामरेड डा गिरीश शर्मा ने कहा कि अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका करना संबंधित पक्षों का संवैधानिक अधिकार है। इसकी आलोचना उचित नहीं कहीं जा सकती है। वह अयोध्या में विभिन्न पक्षों से मिलने के बाद पार्टी जनों को संबोधित करते हुए यह बात कही। पार्टी के नेता इर्तिजा हुसैन की अध्यक्षता और जिला सचिव राम तीर्थ पाठक के संचालन में संपन्न बैठक में उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार सभी मोर्चे पर नाकाम रही है जिसके कारण भावनात्मक मुद्दे उछाल कर लोगों को गुमराह कर रहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वेरोजगारी बढ़ी है, स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है, शिक्षा में गिरावट हुई है, अपराध बढ़े हैं।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि महिलाओं, दलितों, मुसलमानों और समाज के गरीबों में सरकार के प्रति भय का वातावरण है। किसी को सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है। श्री गिरीश बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी तथा निर्मोही आखाडा़ के महंत दिनेन्द्र दास के अलावा स्थानीय लोगों से मिलकर मौके का मुआइना किया। श्री शर्मा के साथ पार्टी राज्य कौसिल के सदस्य अशोक तिवारी, वरिष्ठ नेता सूर्य कांत पाण्डेय, संपूर्णानंद बागी, अखिलेश चतुर्वेदी, बृजेन्द्र श्रीवास्तव, देवेश ध्यानी, विनीत कनौजिया, रेशमा बानों, यशोदा सिंह, राम जी राम यादव, अवधेश निषाद, जगत नारायण शुक्ला, अनिल चौहान, मुजीब, पंच राम, आदि मौजूद थे।