-संतो ने वैदिक सनातन परंपरा के अनुसार कंठी चद्दर तिलक लगाकर दिया महंताई
अयोध्या। अयोध्या के संतो महंतों ने सिद्ध पीठ वेद मंदिर की शाखा देवप्रयाग कुटिया दुराही कुआं का वैदिक सनातन परंपरा के अनुसार कंठी चद्दर तिलक लगाकर के अमर दास शिष्य राम कुमार दास को महंत नियुक्त किया। संत महन्त श्री रामानन्द दास 14 जून दिन मंगलवार को लम्बी बीमारी के कारण साकेतवास हो गया।
साकेतवासी महंत रामानन्द दास अपने छोटे गुरू भाई अमर दास को साकेतवास से पूर्व वसीयत कर दिया था कि मेरे साकेतवास के बाद मेरी समस्त चल व अचल सम्पत्ति मेरे छोटे गुरू भाई श्री अमर दास को दे दी जाय। संतो महंतों ने उनके तेरहरीं समारोह में एकत्र होकर सर्व सम्मति से श्री अमर दास को श्री वेद मन्दिर सेवा ट्रस्ट की शाखा देव प्रयाग कुटिया दुराही कुआ का महन्त नियुक्त किया।
नवनियुक्त महंत अमर दास ने बताया कि गुरु भाई राम नंद दास भजनानंदी संत थे और वैष्णो सनातन परंपरा के अनुसार संतों की सेवा गौ सेवा ब्राह्मण सेवा दरिद्र नारायण की सेवा निरंतर करते रहते थे उनके ही पद चिन्हों पर आश्रम के साथ-साथ श्री अवध धाम में सभी सेवाएं निरंतर चलती रहेगी। श्री वेद मंदिर के महंत रामनरेश शरण महाराज ने बताया कि रामानन्द दास संत थे और निरंतर भजन करते रहते थे यही की शाखा दुराही कुआं पर देव प्रयाग कुटिया मंदिर का निर्माण कराया था उनके साकेत वस के बाद उन्हीं के गुरु भाई अमर दास को संत सेवा और वैष्णो परंपरा के पालन के लिए महंत नियुक्त किया है।
श्री लाल साहब दरबार के महंत राम नरेश शरण महाराज ने बताया कि संतों ने वैष्णो परंपरा के निर्वाह के लिए अमर दास को महंत बनाया है जो निश्चित ही परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। महंताई समारोह में महंत राम कुमार दास, महंत महंत नरोत्तम दास, महंत कृष्ण कुमार दास, महंत कमला दास रामायणी, महंत राम चरन दास, महंत केदार दास सहित सैकड़ों संतों महंतों ने कंठी चद्दर देकर महंत स्वीकार किया।