-कृषि विश्वविद्यायल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के पशु औषधीय विभाग द्वारा अश्व में नालबंदी विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का गुरुवार को समापन हुआ। इस प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन नाहेप परियोजना के सहयोग से किया गया। इस दौरान दिल्ली से पधारीं एक्सटेंशन एंड ट्रेनिंग ब्रुक इंडिया की टीम लीडर डा. सरिता नेगी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देना भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा की किसी भी क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने पर वो जिंदगी में असफल नहीं हो सकता है।
इस दौरान उन्होंने कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा छात्र हित के लिए प्रयासरत रहते हैं साथ ही नए-नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं।पशुपालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता आर.के जोशी ने कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्र ही देश के भविष्य हैं। छात्र-छात्राओं को मेहनत व लगन से पढ़ाई करनी चाहिए। डा. जोशी ने बताया कि घोड़ों में नाल लगाने व उनके अंदर होने वाली बीमारियों व उनके बचाव के बारे में छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान मौजूद महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता हरनाम सिंह ने भी बच्चों के साथ संवाद स्थापित किया।
ब्रुक इंडिया टीम के अन्य सदस्यों ने भी बच्चों से जानकारियों को साझा किया। नाहेप परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा. डी नियोगी ने बताया छात्र-छात्राओं तीन गांवों में जाकर ट्रेनिंग भी दी गई। आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 73 व रीवा वेटनरी कॉलेज के 23 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डा. सत्यव्रत सिंह व धन्यवाद प्रस्ताव डा. जेपी सिंह ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक डा. नवीन कुमार सिंह व डा. मुकेश ने दिल्ली से आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।