-जनपद बलिया में प्रशासन द्वारा तीन पत्रकारों को जेल भेजे जाने की घटना के विरोध में मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
अयोध्या। जिलाधिकारी कार्यालय पर एकत्रित पत्रकारों ने प्रशासनिक मशीनरी द्वारा पत्रकारो के उत्पीड़न की घोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन अतरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंप कर अपनी मांगे पूरी करने की मांग की है। समय पर मांगे नहीं पूरी किये जाने की दशा में विरोध में तेज करने की चेतावनी देते हुए प्रदेश व्यापी आंदोलन की बात कही है।
अधिकारियों को बेनकाब करने और पेपर लीक की ख़बर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों के खिलाफ हुई कार्यवाही से सम्पूर्ण पत्रकार जगत में काफी आक्रोश व्याप्त है। आल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष करुणाकर दूबे ने कहा कि नकल माफिया और प्रशासन की कलई खोलने वाले पत्रकारों को जेल भेजना अभिव्यक्ति की आज़ादी को खत्म करने का कुत्सित प्रयास है। सरकारी अधिकारी अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का गला घोटने पर उतारू है। जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
पत्रकार अजित ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को जेल भेजकर सच को दबाने का प्रयास किया गया है। संगठन के मंडल सचिव कुँवर समीर शाही ने कहा कि यह नौकरशाही की तानाशाही व निरंकुशता की पराकाष्ठा है। जनपद बलिया के अधिकारियो ने अपनी पोल खुलते देखकर निर्दोष पत्रकारों की बलि चढ़ा दिया। जिससे दूसरे पत्रकारो को ऐसी खबर लिखने पर लगाम लगाई जा सके जो किसी भ्रष्टाचार का खुलासा करती हो। वर्तमान योगी सरकार इस मामले की सीबीआई से जांच करा कर दोषी अधिकारियों को दंडित करे, ताकि पत्रकारों का उत्पीड़न रोका जा सके। संगठन के मंडल मीडिया प्रभारी आकाश कुमार गुप्ता ने कहा कि निर्दोष पत्रकारों को तत्काल बाइज्जत बरी कर उनकी सामाजिक व मानसिक क्षति के बदले प्रत्येक पत्रकार को एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि दी जाय।
ज्ञापन देने वाले पत्रकारों में वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव,पीयूष कुमार सिंह राजन,अंकित सेन,आशुतोष श्रीवास्तव, शंकर श्रीवास्तव, राकेश यादव,प्रमोद पांडेय,अनिल निषाद,चंद्र मोहन श्रीवास्तव, अमिताभ श्रीवास्तव,बीएस लाठी, रमेश कुमार,शेखर श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश मिश्र,अजय निषाद, सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे।