-भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से मिली वेद पाठशाला की मान्यता
अयोध्या। 3.45 एकड के भूभाग में 12000 स्क्वायर मीटर परिक्षेत्र में बने सुंदर श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ को मिली भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की स्वायत्तशासी संस्था महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन द्वारा सभी वेदों को मान्यता प्रदान की गई है।
उक्त जानकारी श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ तिहुरा माझा के ’वेद भवन’ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में गुरुकुल के संस्थापक अध्यक्ष वा महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर (राजस्थान) के कुल गुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने दी, उन्होंने बताया की शुक्ल यजुर्वेद के 3. अथर्ववेद के एक, सामवेद के एक, ऋग्वेद के एक, आचार्य की मान्यता वेद विद्या प्रतिष्ठान द्वारा दी गई है जबकि आधुनिक विषय में संस्कृत विषय में एक, गणित व कंप्यूटर में एक, आचार्य की मान्यता मिली है, कृष्ण यजुर्वेद व अथर्ववेद के एक-एक आचार्य का नियुक्ति प्रस्ताव प्रतिष्ठान को न्यास द्वारा भेजा गया है, जिसकी शीघ्र अनुमति मिलने की संभावना है।
29 मार्च 2018 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन अखिल भारतीय सह प्रमुख अनिरुद्ध देश पांडे के साथ अनेक लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों की उपस्थिति में श्री राम वल्लभा कुंज जानकी घाट के अधिकरी पूज्य राजकुमार दास के संरक्षण में उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में पांच बटुक से प्रारंभ गुरुकुल आज अपने पूर्णत्व को प्राप्त कर रहा है, आज गुरुकुल के पास 12000 स्क्वायर मीटर में पांच शालाओं से युक्त हरा भरा परिसर है,
गुरुकुल की उपलब्धियां के बारे में बताते हुए श्री दीक्षित ने कहा की केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा गुरुकुल को उत्तर प्रदेश का एक आदर्श गुरुकुल विकसित करने का प्रस्ताव ट्रस्ट को प्राप्त हुआ है, प्राचीन शिक्षा व सनातन की इस पौध शाला (गुरुकुल) से निकले 50 से अधिक बटुक ज्योतिष शास्त्र न्याय शास्त्र, गणित शास्त्र, व्याकरण, धनुर्विद्या, संगीत शास्त्र सीखने के लिए देश के लगभग 9 प्रांतों के प्रतिष्ठित गुरुकुलों में अध्ययन कर रहे हैं, गुरुकुल के 20 बटुक भारत सरकार द्वारा 60,000 की वार्षिक स्कॉलरशिप तथा 12 बटुक उत्तर प्रदेश संस्कृत बोर्ड द्वारा सामान्य ज्ञान छात्रवृत्ति के रूप में 12000 की वार्षिक स्कॉलरशिप प्राप्त कर रहे हैं,
गुरुकुल की योजना के बारे में बताते हुए श्री दीक्षित ने बताया गुरुकुल परिसर में 95 लाख की लागत से पौराणिक व आधुनिक पुस्तकों का पुस्तकालय वा कंप्यूटर लैब एक सामाजिक संस्था द्वारा प्रस्तावित है जिसे शीघ्र निर्माण शुरु होगा जबकि गुरुकुल में 200 बटुकों के लिए 2300 स्क्वायर फिट में अत्याधुनिक भोजन शाला, ज्योतिष शाला, वा 200 ब्रह्मचारियों के छात्रावास का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, प्रेस वार्ता के दौरान श्री गुरु वशिष्ठ सेवा न्यास के उपाध्यक्ष प्रो. रामनयन राय, कोषाध्यक्ष प्रो. आर.के. सिंह महासचिव डॉ. दिलीप सिंह, सह प्रबंधक आदर्श सिंह ’ऋषभ, आचार्य नीरज कुमार ओझा उपस्थित रहे।