महान संतों के नाम पर जाने जाएंगे श्रीराममंदिर के चारो द्वार : योगी आदित्यनाथ

by Next Khabar Team
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– शंकराचार्य, रामानंदाचार्य, माधवाचार्य और रामानुजाचार्य के नाम पर होंगे श्रीराममंदिर के चारों महत्वपूर्ण द्वार

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या के पवित्र बृहस्पति कुंड पर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों श्री त्यागराज स्वामीगल, श्री पुरंदरदास और श्री अरुणाचल कवि की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में संतों की भक्ति परंपरा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान का सशक्त संदेश गूंजता रहा।

चार प्रमुख द्वार अब भारत के चार महान संतों के नाम पर

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राममंदिर के चार प्रमुख द्वार अब भारत के चार महान संतों के नाम पर समर्पित होंगे, दक्षिण दिशा का द्वार जगद्गुरु शंकराचार्य जी, दक्षिण-पूर्व द्वार (गेट नंबर तीन) जगद्गुरु माधवाचार्य जी, उत्तर दिशा का द्वार जगद्गुरु रामानुजाचार्य जी और सुग्रीव किला मार्ग से प्रवेश द्वार जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी के नाम पर जाना जाएगा।

भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक हैं तीनों संत

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवसर न केवल उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय एकता और समरसता की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम भी है। उन्होंने कहा कि इन तीन पूज्य संतों ने 15वीं से 18वीं सदी के बीच श्रीराम भक्ति में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया और आज उनकी प्रतिमाएं उनके आराध्य श्रीरामचरणों में स्थापित होना पूरे भारत के लिए गौरव की बात है।

त्यागराज महास्वामी को कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यह स्थल देवगुरु बृहस्पति जी का पवित्र कुंड है और यहां आने वाले कोटि-कोटि श्रद्धालु अब हर वर्ष इन संतों के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि त्यागराज महास्वामी को कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने तेलुगु भाषा में हजारों भक्ति गीतों के माध्यम से भगवान श्रीराम की आराधना को जन-जन तक पहुंचाया।

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श्री पुरंदरदास महास्वामी हरिदास सम्प्रदाय के प्रमुख संत

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि श्री पुरंदरदास महास्वामी को 1434 से 1564 तक कर्नाटक संगीत का जनक कहा जाता है। उन्होंने व्यापारी जीवन त्यागकर हरिदास सम्प्रदाय के प्रमुख संत के रूप में कन्नड़ भाषा में लगभग साढ़े चार लाख से अधिक भक्ति गीतों की रचना की। वहीं, श्री अरुणाचल कवि महास्वामी ने ‘रामनाटकम्’ जैसे तमिल काव्य के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों का प्रसार किया।

दक्षिण के रामभक्त भी कहते थे, ‘राम लला हम आएंगे…’

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में पहले ही जगद्गुरु रामानुजाचार्य की प्रतिमा और लता मंगेशकर चौक की स्थापना की जा चुकी है। अब यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली नई कड़ी बन गया है। उन्होंने स्मरण कराया कि रामजन्मभूमि आंदोलन के समय दक्षिण भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे और नारा लगाते थे “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।”

काशी तमिल संगमम एक सांस्कृतिक पुल

सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा कि काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक पुल का निर्माण प्रधानमंत्री मोदी ने “काशी तमिल संगमम” के माध्यम से किया। संस्कृत और तमिल दोनों भाषाओं की समृद्ध धरोहर को जोड़ना भारत की आत्मा को एक सूत्र में पिरोने जैसा कार्य है।

नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म ने नागरिकों को दी राहत

कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भी सराहना करते हुए योगी ने कहा कि उन्होंने शारदीय नवरात्रि की प्रथम तिथि से देशभर में “नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म” लागू कर 140 करोड़ नागरिकों को राहत दी है, जिससे बाजार में नया उत्साह और मजबूती आई है।

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इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह, रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र, श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायकगण वेद प्रकाश गुप्ता, डॉ अमित सिंह चौहान, चंद्र भानु पासवान, रामचंद्र यादव, अभय सिंह सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश राज्यों से बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

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