-फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी की ओर से आयोजित हुआ मुशायरा
अयोध्या। फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी उत्तर प्रदेश शासन व उर्दू प्रेस क्लब की ओर से शहर के एक लॉन में अखिल भारतीय मुशायरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे उत्तर प्रदेश शासन के सचिव आईएएस डॉ हरिओम व उनकी पत्नी प्रसिद्ध कवयित्रि मालविका हरिओम ने ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में एडीएम प्रशासन अयोध्या संतोष कुमार सिंह व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पाण्डेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रविंद्र नाथ सिंह ने किया। मुशायरा कनवीनर जलाल सिद्दीकी व उर्दू प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने आये हुये सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुशायरे के दौरान आये हुये मेहमानों ने अपने बेहतरीन पाठों से लोगों मंत्रमुग्ध कर दिया। मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं। खींच रहे हैं अपनी जानिब दो कुनबे तहज़ीब की डोर, एक तरफ है जोरे मुहब्बत एक तरफ नफरत का शोर।। ….डॉ हरिओम तुम्हारे हाथ के लिक्खे खतों से बन गई थी जो वरक वरक वो दास्ताँ हवा उड़ा के लेगयी।। ….अज्म शाकरी कहां हम मुफलिसी से डरते हैं, हम तो शर्मिंदगी से डरते हैं।। …. हामिद भुसवाली महाराष्ट्र शेर ही शेर के कुनबे में हुआ करते हैं, शेर की नस्ल में खरगोश नहीं हो सकते।। ….नासिर फऱाज़ ओडिशा इश्क ने तेरे वह कमाल किया। मेरी हस्ती को बेमिसाल किया।। ….मालविका हरिओम हम ने देखा है कि दो वक्त की रोटी के लिए अब तो मां-बाप का बटवारा किया जाता है।। ….शाइस्ता सना अभी मैं बच के चलता हूँ तवायफ की गली है यह मगर मालूम है मुझ को यह रस्ता आम होना है।। ….डॉ आनंद ओझा इसके अतिरिक्त डॉ सरफराज नवाज आजम गढ़, दानिश गजल मेरठ, तनवीर जलाल पुरी, जमशेद फैजाबादी, इशरत अली इशरत, साबिर जलाल पुरी, अचानक आदि ने अपने बेहतरीन पाठ से श्रोताओं को भोर तक गुदगुदाया। कार्यक्रम के अंत में संयोजक मुशायरा जलाल सिद्दीकी ने सभी श्रोताओं का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मंसूर इलाही एडवोकेट, डॉ नजमुल हसन गनी, मिर्जा सादिक हुसैन, जिया-उल-हक मिस्टर , शहाबुद्दीन, अबू जर, जिया-उद-दीन, डॉ शकील अहमद, मोहम्मद तुफैल, मोहम्मद शारिब, मोहम्मद नदीम, बंटी सिंह, महेंद्र, नाज़िम आदि उपस्थित रहे।