अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के उद्यान एव वानिकी महाविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग के अंतर्गत संचालित अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत हुए उल्लेखनीय कार्यों के लिए देश के वेस्ट एआईसीआरपीएस सेंटर 2018- 19 के सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान विश्वविद्यालय में संचालित परियोजना के अंतर्गत मसाला फसलों के शोध,विकास एवं प्रसार के क्षेत्र में किये गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किया गया है। ज्ञात हो विश्वविद्यालय में विगत दो दशकों में परियोजना के तहत कार्यरत वैज्ञानिक डॉ विक्रमा प्रसाद पांडेय व उनकी टीम द्वारा विशेषरूप से हल्दी, सौंफ, अजवायन, धनिया,मेथी,अदरक व लहसुन फसलों पर महत्वपूर्ण कार्य किये जाने का यह प्रतिफल है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित हल्दी की नरेंद्र हल्दी 12 वर्तमान में देश में सबसे ज्यादा करक्यूमिन पायी जाने वाली प्रजाति है। इसी तरह यहां से विकसित हल्दी की प्रजातियां देश भर में सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली फसलों में शामिल हैं। वर्तमान में परियोजना के तहत विश्वविद्यालय में विभिन्न मसाला फसलों के 800 से ज्यादा जनन द्रव्य उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय को मिले इस राष्ट्रीय सम्मान को परियोजना में वर्तमान में कार्यरत वैज्ञानिक व अन्वेषक डॉ प्रदीप कुमार ने तामिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना की 30वीं कार्यशाला में देश के प्रख्यात मसाला वैज्ञानिकों डॉ के निर्मल बाबू प्रोजेक्ट कवार्डीनेटर, डॉ टी जानकी रमन उप महानिदेशक उद्यान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली,डॉ गोपाल लाल निदेशक मसाला बीज अनुसंधान संस्थान अजमेर एवं तामिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डॉ एन कुमार के हाथों प्राप्त किया। विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति बिजेंद्र सिंह, अधिष्ठाता उद्यान एव वानिकी डॉ ओ पी राव, निदेशक शोध डॉ गजेंद्र सिंह तथा समन्वयक व विभागाध्यक्ष डॉ संजय पाठक ने हर्ष व्यक्त करते हुए परियोजना के वैज्ञानिकों व कर्मियों की बधाई दी है।
कृषि विवि को मिला वेस्ट एआईसीआरपीएस का सम्मान
10
previous post