पुलिस छावनी में तब्दील हुआ सरूरपुर गांव, एक दर्जन लोगों का शांतिभंग के अंदेशे में किया गया चालान
मिल्कीपुर। कुमारगंज थाना क्षेत्र के सरूरपुर गांव में मामूली सी बात को लेकर दो संप्रदायों के लोगों के बीच टकराव होते होते बच गया जानकारी मिलते ही इलाकाई पुलिस हरकत में आ गई और मौके पर पहुंचे सशस्त्र पुलिस के जवानों ने मारपीट पर आमादा ग्रामीणों को मौके से खदेड़ा। देखते ही देखते समूचा सरूरपुर गांव छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों से लोगों को शांतिभंग के अंदेशे में गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय भेज दिया है। गांव में दोनों पक्षों के बीच तनाव को देखते हुए फिलहाल पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात कर दिए गए हैं। फिलहाल गांव में शांतिपूर्ण माहौल के बीच घुल रहे तनाव को देखते हुए एक कंपनी पीएसी सहित कुमार गंज थाने के सशस्त्र पुलिस कर्मी मुस्तैद कर दिए गए हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार कुमारगंज थाना क्षेत्र के सरूरपुर गांव में 8 मुस्लिम परिवारों की गांव के पूर्वी छोर पर अलग बस्ती बसी हुई है उक्त मुस्लिम परिवारों ने अपने खेत में लगभग 3 साल पूर्व नई मस्जिद बना लिया था और ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाकर नमाज की अजान किया करते थे जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया था और 1 माह पूर्व स्थानीय पुलिस ने उनकी मस्जिद पर लगे माइक को उतरवा दिया था। बीते शुक्रवार को गांव की ही नूरुल हसन हाफिज इकबाल शाम 5 बजे नमाज पढ़ने के उपरांत गांव की उत्तरी छोर जंगल के किनारे स्थित अपने पूर्वजों के कब्रिस्तान के पास फातिया पढ़ने गए थे। जहां उनके परिवारी जनों की कब्र के पास कुछ गाय घास चर रही थी। नूरुल एवं हाफिज इकबाल का आरोप है कि उनके पूर्वजों की कब्रों के ऊपर गाय ने गोबर इत्यादि कर दिया था तथा कब्र को जानवर रौंद रहे थे। इसका विरोध उन्होंने जानवर चरा रहे गांव के ही सुशील यादव के बेटे बब्बू से किया था और कहा था कि यदि आपके पूर्वजों की कब्र के पास ऐसे ही गंदगी और घिनौनी हरकत की जाए तो आपको कैसे लगेगा। यह बात किशोर बब्बू ने अपने घर आकर परिजनों को बताया कि नूरुल और इकबाल ने गाय को मारा है तथा अभद्रता की है। धीरे-धीरे यह बात समूचे गांव में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई और गांव के सुखराम यादव के नेतृत्व में लगभग दो से तीन दर्जन ग्रामीण हो हल्ला तथा गाली गलौज करते हुए मुस्लिम बस्ती की ओर पहुंच गए। इस बीच घटना के लगभग 2 घंटे बाद मुस्लिम युवक अपने घर पर रोजा इफ्तारी कर रहे थे। फिर क्या देखना था दोनों पक्षों में टकराव की नौबत आ गई और ग्रामीणों ने आनन-फानन में घटना की जानकारी कुमारगंज पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पीआरबी 112 सहित कुमारगंज थाने के उपनिरीक्षक रामप्रकाश त्रिपाठी पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुचे हालात बेकाबू देख उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराया फिर क्या था देखते ही देखते मिल्कीपुर सर्किल के तीनों थानों कुमारगंज इनायत नगर और खंडासा के थानाध्यक्ष अपने थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।देखते ही देखते समूचा गांव छावनी में तब्दील हो गया। क्षेत्राधिकारी जयप्रकाश सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ बवाल कर रहे ग्रामीणों को मौके से खदेड़ा तथा गांव की गलियों में पुलिसकर्मियों के साथ ड्रैगन लाइट के उजाले में गस्त की। कुमारगंज थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह एवं क्षेत्राधिकारी जयप्रकाश सिंह की सूझबूझ के चलते किसी तरह रात में शांत हो गया। लॉक डाउन के दौरान बड़े टकराव की जानकारी मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने गांव में एक कंपनी पीएसी एवं पुलिस के सशस्त्र जवानों को मुस्तैद कर दिया। मामले में पुलिस ने गांव के एक दर्जन लोगों को धारा 151 सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय भेज दिया है शांति भंग के आरोप में भेजे जाने वाले लोगों में एक पक्ष से वीर सिंह यादव, अनिल यादव मिस्त्री, हरिश्चंद्र यादव, सुखराम यादव, सूरज नाउ, महिला सुखमति तथा दूसरे पक्ष से रज्जाक, इकबाल, अब्दुल हसन, नूरुल हसन, अब्दुल जैद एवं मुन्ना का शामिल है।