-प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव है, सुरक्षा की दृष्टि से विशेष महत्व, क्राउड कंट्रोल और सुरक्षित आतिशबाजी संपन्न कराना है प्राथमिकता
अयोध्या। दीपोत्सव ज्यों ज्यों नजदीक आ रहा है त्यों त्यों अफसरों में कोई चूक न रह जाए को लेकर भाग दौड़ भी बढ़ गई है। शुक्रवार को सभी व्यवस्थाओं की धरातलीय स्थिति देखने व समझने को एडीजी लखनऊ जोन एसबी शिरोडकर अयोध्या धाम पहुंचे। दीपोत्सव के प्रमुख स्थलों का निरीक्षण किया। सुरक्षा अधिकारियों के साथ दीपोत्सव स्थल राम की पैड़ी, राम कथा पार्क और अयोध्या के प्रमुख संवेदनशील स्थानों को देखा।
एडीजी लखनऊ जोन एसबी शिरोडकर का कहना था कि दीपोत्सव हमेशा से महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला है दीपोत्सव है इसका विशेष महत्व है। इस कार्यक्रम मेंबड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के उमीद के साथ तैयारी की जा रही है। जिसमें मुख्य रूप से क्राउड कंट्रोल और आतिशबाजी है। इसे सुरक्षित ढंग से संपन्न कराना प्राथमिकता में है। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं पहले की तरह ही की जा रही हैं। 22 जनवरी 2024 को नव्य भव्य मन्दिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की इस दीपोत्सव में भारी आमद का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।
उस लिहाज से भी प्रशासन और पुलिस दोनों तैयारी कर रहे हैं। एडीजी ने बताया कि सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों की प्रॉपर ब्रीफिंग होगी। बाकायदे रिहर्सल किया जाएगा।सुरक्षा को लेकर पहले ही तैयारी शुरू की गई है। जिसे सुरक्षा कारणों से हम साझा नहीं कर सकते हैं। एडीजी ने कहा कि हम प्रयासरत हैं कि पूरे पर्व और त्योहार को सुरक्षित ढंग से मनाएं। बाहर से आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा में कोई कमी न रहे। विभिन्न स्थलों की अच्छी तरह सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा की स्पेशल एजेंसी, एटीएस और एसटीएफ से लेकर सभी सुरक्षा एजेंसी का यहां पर सहयोग रहता है। ऐसे आठवें दीपोत्सव को भी सभी के सहयोग और जिला प्रशासन के साथ संपन्न कराया जाएगा।