अयोध्या। भारत रत्न डा० भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अखिल विद्यार्थी परिषद द्वारा विभिन्न कालेज कैम्पस कोचिंग सेण्टर छात्रावास व सार्वजनिक स्थलों पर डा. अम्बेडकर की स्मृति में संगोष्ठी, सहभोज माल्यार्पण, पुष्पांजलि आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये। महानगर मंत्री आशुतोष पांडेय ने बताया कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि विद्यार्थी परिषद के तीन राष्ट्रीय कार्यक्रम में से एक है विद्यार्थी परिषद प्रत्येक वर्ष बड़े आदर के साथ मनाती है। आगे जानकारी देते हुए कहा वह सामाजिक समानता को बहुत महत्व देते थे। वह कहते थे- ‘जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है वह आपके किसी काम की नहीं होती। एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं, बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी जरूरी है। राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है।
और जो सुधारक समाज की अवज्ञा करता है वह सरकार की अवज्ञा करने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी है।’ वह राजनीति को जनकल्याण का माध्यम मानते थे। वह स्वयं के बारे में कहते थे- ‘मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं, अपने सभी दबे-कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं। मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।’ वह कहते थे- ‘न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है। संविधान मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं यह जीवन का एक माध्यम है। निस्संदेह देश उनके योगदान को कभी भुला नहीं पाएगा।’ राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख विवेक सिंह मोनू ने कहा कि आंबेडकर समानता पर विशेष बल देते थे। वह कहते थे- अगर देश की अलग-अलग जाति एक दूसरे से अपनी लड़ाई समाप्त नहीं करेंगी तो देश एकजुट कभी नहीं हो सकता। यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मशास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए। हमारे पास यह आजादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है जो हमारे मौलिक अधिकारों के विरोधी हैं।
इस अवसर पर प्रमुख रुप से विभाग संगठन मंत्री अभिलाष, अयोध्या महानगर संगठन मंत्री मयंक राहुल विराट अंकित शिवम शशांक रोशन, दीप्ति,आकांक्षा, तृप्ति, आँचल, गोबिन्द आदि सैकड़ों छात्र छात्रा उपस्थित रहे।
एबीवीपी ने गोष्ठी व सहभोज कर मनाया बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस
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