-रौनाही थाना क्षेत्र स्थित कांटा चौराहे के पास हुई दुर्घटना
अयोध्या। लखनऊ हाइवे पर रौनाही थाना क्षेत्र में आगे-पीछे चल रही एक रोडवेज बस और डम्पर में टक्कर हो गई। टक्कर में रोडवेज बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयाऔर बस के चालक समेत चार घायल हो गए।
शुक्रवार की रात बांदा डिपो की एक रोडवेज बस सवारियां लेकर वाया लखनऊ,अयोध्या होते हुए गोरखपुर जा रही थी। इसी दौरान शनिवार की भोर हाइवे पर रौनाही थाना क्षेत्र स्थित कांटा चौराहे के पास रोडवेज बस की आगे चल रहे डंपर में टक्कर हो गई। हादसे में बस का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और उसका चालक उदयभान (45 वर्ष) पुत्र सिरोबट निवासी झरोटा थाना चिल्ला जिला बांदा और आगे बैठे यात्री बस्ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र स्थित महराजगंज निवासी गोपाल (36 वर्ष) पुत्र राज कुमार और उनकी पत्नी सोनी गुप्ता (30 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गई।
वहीं परिचालक बनवारी (21 वर्ष) पुत्र कोबर सिंह निवासी पेलकु थाना बरसाना जिला मथुरा को भी चोट आई। रोडवेज बस के दूसरे चालक दिलीप कुशवाहा ने बताया कि हादसे के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मची तो उसकी नींद खुली। इसके बाद एंबुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल भेजवाया गया तथा बस को किनारे करवा शेष यात्रियों को अन्य बसों से गंतव्य रवाना कराया गया। गनीमत रही की बस में यात्रियों की संख्या कम थी और ज्यादातर लोग पीछे की सीट पर थे। रौनाहीं पुलिस का कहना है कि घायलों को उपचार के लिए भेजवाया गया है।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अयोध्या डिपो आदित्य प्रकाश ने बताया कि मामले की जानकारी पर जिला अस्पताल पहुंच घायल यात्री दंपत्ति को दस-दस हजार और बस के चालक को पांच हजार रूपये की अहेतुक सहायता का चेक दिया गया है।
घायलों की मदद को आगे आए एआरएम आदित्य प्रकाश, अस्पताल में पहुंचकर सौंपी आर्थिक सहायता
रौनाही में हुई बस दुर्घटना के घायलों की मदद के लिए अयोध्या डिपो के एआरएम आदित्य प्रकाश आगे आए। उन्होंने मानवीय पहल दिखाते हुए जिला अस्पताल में पहुंचकर घायलों को आर्थिक सहायता प्रदान की। एआरएम ने बताया कि यात्री सुविधा निधि के माध्यम से महराजगंज निवासी यात्री गोपाल को 20,000 रूपये तथा बांदा निवासी बस चालक उदयभान को 5,000 रूपये की धनराशि नकद रूप में सौंपी गई है।
उन्होंने घायलों का हालचाल भी जाना और बेहतर इलाज के निर्देश दिए। एआरएम आदित्य प्रकाश ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और दुर्घटना जैसी स्थितियों में हरसंभव सहायता दी जाएगी।