-धरने में माध्यमिक शिक्षक संघ व रसोईया संघ भी हुआ शामिल
अयोध्या। मंगलवार को बेसिक शिक्षक अधिकारी कार्यालय परिसर में आयोजित धरने में शिक्षकों का भारी हुजूम उमड़ा, बड़ी संख्या में महिला शिक्षक भी शामिल हुईं। वक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को जमकर कोसा। उमस भरी गर्मी में सभा के बीच नारे लगाते हुए शिक्षकों में आक्रोश दिखाई पड़ा। माध्यमिक शिक्षक संघ और रसोईया संघ भी शामिल हुआ। धरने के बाद शिक्षकों में जिलाधिकारी कार्यालय की ओर मार्च किया।
जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में सीओ सिटी राजेश कुमार मिश्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन भेजा गया।
तयशुदा समय दोपहर 2ः30 बजे से ही विभिन्न ब्लॉकों के शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय परिसर पर धरना देने के लिए एकत्र हुए, जो बाद में सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता प्रांतीय ऑडिटर एवं जिलाध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी तथा संचालन ने किया। सभा को संबोधित करते हुए नीलमणि त्रिपाठी ने कहा की सरकार शिक्षकों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है एक-एक कर शिक्षकों की सभी सुविधाएं समाप्त कर रही हैं।
विद्यालयों को बंद किया जाना शिक्षा एवं शिक्षक हित में नहीं।प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री डॉ.चक्रवर्ती सिंह ने दावा किया कि धरने में एक हजार से भी ज्यादा शिक्षक शामिल हुए।शिक्षकों का भारी हुजूम सरकार के प्रति आक्रोश का सबूत है।हमारे सभी मांगे न्यायोचित है जिसे सरकार को मान लेना चाहिए।माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राकेश पांडे ने प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षकों का उत्पीड़न कर रही है लेकिन इतिहास गवाह है जिसने भी शिक्षकों को सताया है उनका अस्तित्व ही समाप्त हो गया।
माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री आलोक तिवारी ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री द्वारा मर्जर तथा प्रधानाध्यापक पद समाप्त किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करके इसे निरस्त किया जाएगा। कोषाध्यक्ष वीरेंद्र भारती ने अपनी मांगों के पक्ष में सरकार पर जमकर हमला बोला। संचालन कर रहे जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने कहा कि लंबे अरसे से आंदोलन कर रहे शिक्षकों की जायज समस्याओं पर सरकार का उपेक्षात्मक रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। रसोईया संघ के जिलाध्यक्ष रिंकू गौड़ ने कहा कि विद्यालयों के मर्जर से हजारों रसोइयों और उनके परिवारों के मुंह का का निवाला छिन जाएगा।
अतः इस निर्दयी निर्णय को सरकार वापस ले। सभा के बीच में रह रह रह कर शिक्षकों ने ’मर्जर पेयरिंग बंद करो’, ’प्रधानाध्यापक पद बहाल करो’, ’हमारी मांगे पूरी हो’, ’शिक्षक एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाकर सरकार और उमस भरी गर्मी को भी चुनौती दिया। सभा को संजीव चतुर्वेदी,पप्पू कुमार,धीरज शुक्ल, अमरेंद्र प्रताप सिंह तथा विजय शंकर दुबे ने भी संबोधित किया। शिक्षकों के जिलाधिकारी कार्यालय पर पैदल मार्च करने पर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि राजेश कुमार मिश्र ने ईदगाह पहुंचकर ज्ञापन लिया तथा मुख्यमंत्री कोई यथावत प्रेषित किए जाने का आश्वासन दिया।
धरने में प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक संघ तथा रसोईया संघ से संतोष यादव,रामानुज तिवारी, संतोष द्विवेदी, अभिषेक यादव, शैलेन्द्र सिंह,आरिफ खां, अविनाश पांडेय, मुकेश प्रताप सिंह, शैलेन्द्र वर्मा, महेंद्र यादव, अनिल सिंह,सत्येन्द्र गुप्त, अरविंद पाठक,संजय सिंह, सुनील अवस्थी,सत्येन्द्र सिंह, उद्धव श्याम तिवारी, रविन्द्र वर्मा, समीर सिंह,भगौती गुप्त, रविन्द्र गौतम, प्रवेश कुमार, पंकज पांडेय, सुमित सिंह, राम सुरेश, संजय शुक्ला उदय सिंह सुजाता चौरसिया विश्वनाथ तिवारी अवनीश श्रीवास्तव राजीव सिंह अनिल सिंह संतराज वर्मा, स्मिता वर्मा बीना चौधरी रेखा उपाध्याय,शीला वर्मा,किरनलता मिश्रा तथा प्राणेश रावत समेत हजारों लोग मौजूद रहे।
शिक्षकों द्वारा की गयी मांगों में पुरानी पेंशन बहाल किया जाए, मर्जर पेयरिंग के नाम पर विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया रोकी जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण अधीन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन किया जाए, कैशलेस चिकित्सा सुविधा एवं 10 लाख की बीमा राशि किए जाने, माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरह चयन वेतनमान तथा 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण किए जाने पर प्रोन्नत वेतनमान, उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश तथा अध्ययन अवकाश स्टडी दीप अनुमन्य किए जाने हेतु।,ग्रीष्म कल में विद्यालय समय प्रातः 7ः30 से दोपहर 12ः30 तक किया जाना, शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किया जाना, आकाशी जनपदों से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण व मृतक आश्रितों को शिक्षक पद पर नियुक्त किया जाना शामिल है।