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खुशहाल  किसान  राज्य की  प्रगति और समृद्धि  का आधार : डा. दिनेश शर्मा 

-किसानों की आदमनी को दोगुना करने के लिए तमाम योजनाए क्रियान्वित की


लखनऊ / फिरोजाबाद।  उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि  अन्न्दाता का कल्याण सरकार के एजेन्डे में सबसे  पहले हैं। खुशहाल  किसान  राज्य की  प्रगति और समृद्धि  का आधार होता  है। इसे ही मूल मंत्र मानते हुए भाजपा की सरकार ने किसानों की आदमनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर तमाम योजनाए क्रियान्वित की हैं। आज प्रदेश का क्रिसान खुशहाली की डगर पर आगे बढ रहा है। वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड रुपए के कर्ज माफ करने का निर्णय लिया था । यह सरकार की किसानों  कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में किसानों की बेहतरी के लिए जो रोडमैप तैयार किया गया उस पर सरकार मजबूती से आगे बढ रही है। इस कडी  में  किसान को  फसल को बोने के समय आने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए किसान सम्मान निधि की योजना आरंभ की गई। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए यह योजना संजीवनी  साबित हुई है। प्रदेश के 2.50 करोड किसानों के खातों में करीब 32572 करोड रुपए की धनराशि ट्रान्सफर की गई है। उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों के रवैये से गन्ना किसान बदहाली के कगार पर पहुच गया था। किसानों को उनके गन्ने का मूल्य नहीं मिल पा रहा था।

सरकार ने बढाया गन्ने का मूल्य  ,  45.44 लाख किसानों को  मिलेगी लगभग रु 4000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि

वर्तमान सरकार ने ना केवल गन्ना मूल्य के बकाये के भुगतान की व्यवस्था की बल्कि गन्ना मृल्य में भी बढोत्तरी की है। अब तक जो गन्ना 325 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाता था  वह अब 350 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा। इसी तरह 315 प्रति क्विंटल वाले सामान्य प्रजाति के गन्ने की कीमत अब 340 रुपए  प्रति क्विंटल मिलेगी। यही नहीं अस्वीकृत प्रजाति माने जाने वाले करीब 01 फीसदी गन्ने के मूल्य में भी 25 प्रति क्विंटल बढोतरी की गई है। अब तक 310 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाने वाला अस्वीकृत गन्ना भी अब 335 प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। इससे  45.44 लाख किसानों को इस वर्ष बढ़े हुए गन्ना मूल्य से लगभग रु 4000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि की प्राप्ति होंगी। इसके साथ ही किसानों के बिजली बिल के बकाये पर ब्याज माफ करने की भी घोषणा की है। उन्होंने  कहा कि 2017 में  जब वर्तमान सरकार ने प्रदेश की कमान संभाली थी तब 08 साल पहले के गन्ने का भुगतान बकाया था। जिससे किसान निराश व   परेशान था  पर वर्तमान सरकार ने साढे चार साल में 01.44 लाख करोड  का भुगतान कराया गया। उन्होंने कहा कि  पिछली सरकारों में औने.पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं। 250 करोड़ की चीनी मिलें 25.30 करोड़ रुपये में बिक गई। सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुई। लेकिन  2017 में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद से आज तक एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई है। इस सरकार ने  बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया। सूबे में 20 चीनी मिलों का विस्तार एवं आधुनिकीकरण किया गया है।

कोविड काल में  भी जब सारी दुनिया ठहर गई थी तब भी प्रदेश में चीनी मिलें बन्द नहीं हुई। यह सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दिखाता है। इस सरकार के समय में ही 476 लाख मीट्रिक टन चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। किसानों की आमदनी बढाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। अभी करीब  15 दिन पहले पेप्सिको इण्डिया द्वारा कोसी कलां  में 800 करोड की लागत वाला मथुरा फूड्स प्लाण्ट आरंभ किया गया है। ब्रज भूमि के किसानों की वर्षों से मांग थी कि उनके क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की अत्याधुनिक इकाइयां स्थापित हों।  यह कारखाना किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का आधार बनेगा। इस यूनिट के माध्यम से डेढ़ लाख मीट्रिक टन आलू का प्रति वर्ष प्रसंस्करण किया जाएगा।  कोसी कलां में स्थापित प्लाण्ट खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आलू उत्पादक किसानों की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच मिला है। डा शर्मा ने कहा कि किसान मौसम की परवाह  किए बिना खेत में कडी मेहनत करते लोगों के लिए अन्न पैदा करता है। अन्नदाता की इस मेहनत  त्याग व तपस्या का वर्तमान सरकार पूरा सम्मान करती है। इसलिए सरकार  किसान के उत्थान की दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड रही है। वर्तमान सरकार ने बिचौलियों को समाप्त कर सीधे किसानों से उनके कृषि उत्पादों की खरीद के लिए   अप्रैल, 2017 में प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी लागू की। विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड मात्रा में उनके कृषि उपज की खरीद की गयी है। एमएसपी पर गेहूं खरीद के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया। वर्तमान सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 43,75,574 किसानों को 36,405 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

किसानों को सोलर पम्प तथा खेत-तालाब योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। वर्षों से लम्बित बाणसागर परियोजना को पूर्ण कराकर प्रारम्भ कराया गया है। लगभग 3.77 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता  की बढोत्तरी हुई है।सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना चालू वित्तीय वर्ष में पूरा होने की संभावना है। मौजूदा समय में इस परियोजना में 12.61 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हो गई है। परियोजना के पूरा होने पर 14.04 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित होगी और 29.74 लाख किसान लाभान्वित होंगे। तराई एवं विन्ध्य क्षेत्र में अक्सर किसानों और जंगली जानवरों के मध्य संघर्ष हो जाता है। राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित करते हुए वन्य जीवों के हमले में मृत व्यक्ति के आश्रितों को 04 लाख रुपये अथवा कृषक बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था भी की।  पिछली सरकारों के समय में किसान को खाद व यूरिया के लिए पुलिस की लाठियां खानी पडती थीं पर इस सरकार ने किसान को खेती के लिए जरूरी खाद बीज यूरिया आदि किसी की भी कमी नहीं होने दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना के तहत किसानों को 2613 करोड रुपए की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई है। प्रदेश  में मंडी शुल्क को 1 प्रतिशत कम करने के साथ ही 220 नई मंडियों का निर्माण व 27 मंडियों को आधुनिकीकरण किया गया है। प्रदेश में 3.76 करोड से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए हैं जो उन्हे खेती करने में  मददगार साबित हो रहे हैं। प्रदेश में किसानों से धान खरीदना शुरू कर दिया गया  है। किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए धान क्रय केन्द्रों पर पूरी व्यवस्थाएं की गईं हैं।  प्रदेश में धान खरीद के लिए 4000 से अधिक क्रय केन्द्र बनाए हैं। सरकार की मंशा किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में तकनीक का उपयोग करते हुए किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की सहूलियतें विकसित की हैं। एमएसपी के तहत किसानों से उनकी उपज की खरीद में ई-पॉप सिस्टम के उपयोग से भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। किसान पाठशाला के जरिए किसानों को खेती के नए तरीके सिखाने के साथ ही उनकी शंकाओं को समाधान भी किया जा रहा है। प्रदेश सरकार किसानों की कठिनाईयों के समाधान एवं उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान करने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है  जिसका परिणाम है कि पिछले साढे चार सालों में प्रदेश में कृषि उत्पादन बढा है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्रों में तकनीकी की दिशा में दिये जा रहे बढावा का परिणाम रहा है कि कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में ही बढोत्तरी हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर 50 से 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।  प्रदेश सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को बीज उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे कृषकों की आय में वृद्धि के साथ.साथ लागत में घटोत्तरी हो रही है।

कृषकों को कृषि मशीनरी उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की गयी है  जिसके माध्यम से कृषकों को  अनुदान के साथ कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कृषि विविधीकरण पर भी काम हो रहा है। डा शर्मा ने कहा कि इसके अलावा सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी किसान तक पहुच रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना में बन रही सडकें किसान को उनकी उपज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सहायक हो रही है। आज उत्तर प्रदेश का हर क्षेत्र में डंका बज रहा है। आज देश में 44 योजनाओं में यूपी पहले स्थान पर है।  उत्तर प्रदेश  में प्रत्येक क्षेत्र में विकास हुआ है। चाहे औद्योगिक निवेश हो या योजनाओं का सफल क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हो , हर घर में शौचालय बनाना तथा घर विहीन को घर देने का कार्य उत्तर प्रदेश में किया गया है। नागरिकों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आया है। निवेश के मामले में यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। इंवेस्टर समिट में हस्ताक्षरित 4.68 करोड के एमओयू में से 3 लाख करोड की परियोजनाएं आरंभ हो चुकी है। कोरोना काल में जब दुनिया के बडे देशों से निवेश वापस जा रहा था उस समय में भी यूपी में 56 हजार करोड के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहे बेहतरीन कार्यों का परिणाम है कि 04 वर्ष में ही 11 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था 22 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन गयी है, जो देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था है।  एक्सप्रेस वे यूपी की पहचान बन रहे हैं तथा आर्थिक प्रगति में सहायक हो रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोडकऱ प्रदेश को उन्नति प्रदान करना है। विगत सवा चार वर्षों के दौरान साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। इसके अलावा ओडीओपी, मुद्रा योजना आदि के तहत भी करोडों युवाओं को रोजगार मिला है। अकेले मनरेगा के तहत 51 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला है। यूपी रक्षा क्षेत्र के निर्माण की भी धुरी बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने विरासत में मिली बदनाम व खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था में आया बदलाव  आज दूसरे प्रदेशों को भी इन बदलावों को अपना रहे हैं। पाठ्यक्रम में परिवर्तन ने विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ ही उनके लिए नए अवसरों को पैदा किया है। उच्च शिक्षा के प्रसार पर जोर के साथ ही नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में यूपी अभी तक अव्वल है।  वर्तमान सरकार को दमदार और असरदार बताते हुए उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं बची है। अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत हुई कार्रवाई नें उन्हें प्रदेश छोडने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारमुक्त शासन की परिकल्पना को साकार किया गया है। डा शर्मा ने कहा कि  कोरोना काल में यूपी सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए  बेहतरीन प्रबन्ध किए। इनकी प्रशंसा डब्लूएचओ ने भी की थी। प्रदेश के नागरिकों को कोविड से सुरक्षा के लिए टीकाकरण तेजी से कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक टीकाकरण कराने वाला राज्य है। प्रदेश में 10 करोड से अधिक लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है।

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