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63 बटालियन सीआरपीएफ को अयोध्या में मिला खुद का भवन

-सीआरपीएफ के नवनिर्मित शिविर का महानिदेशक ने किया ई-उदघाटन

अयोध्या। लगभग चार दशक बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 63 वीं बटालियन को मंगलवार को अपना स्थाई शिविर मिल गया। समारोहपूर्वक सीआरपीएफ के महानिदेशक सुजात राय थाउसेन ने नवनिर्मित शिविर का ई-उद्घाटन किया है। प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे नवनिर्मित शिविर में अभी भोजनालय, चिकित्सालय और आवास का उद्घाटन हुआ है।

उद्घाटन समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक सुजात राय थाउसेन ने कहा कि इस अर्धसैनिक बल में तीन लाख से ज्यादा जवान हैं। जिनके कंधों पर शांति और सुरक्षा का जिम्मा है। बल के अधिकारी- कर्मचारी देश के तमाम अशांत समेत अन्य क्षेत्रों में ड्यूटी में लगे हैं। कहा कि वर्तमान हालात के मद्देनजर पारंपरिक डिजाइनिंग में तब्दीली कर भवनों आदि का निर्माण इस तरह कराया जा रहा है कि जिससे आवश्यकतानुसार इनका आंतरिक स्वरूप और इस्तेमाल बदला जा सके तथा सहूलियत बढ़ाई जा सके।

इस अवसर पर सीआरपीएफ मध्य सेक्टर लखनऊ के महानिरीक्षक सत्यपाल रावत, कार्यदायी संस्था केंद्रीय लोक निर्माण विभाग लखनऊ के मुख्य सके तथा सहूलियत बढ़ाई जा सके। इस अवसर पर सीआरपीएफ मध्य सेक्टर लखनऊ के महानिरीक्षक सत्यपाल रावत, कार्यदायी संस्था केंद्रीय लोक निर्माण विभाग लखनऊ के मुख्य अभियंता हिमांशु पांडेय, 63 बटालियन के कमांडेंट छोटेलाल, द्वितीय कमान अधिकारी सरकार राजा रमन समेत अन्य और कार्यदायी संस्था के अधिकारी मौजूद रहे।

इन भवनों का हुआ उद्घाटन

सीआरपीएफ के चांदपुर हरिवंश गांव स्थित नवनिर्मित शिविर में तीन मंजिले अधीनस्थ अधिकारी भोजनालय का उद्घाटन हुआ है। जिसमें भूतल के साथ दो अतिरिक्त मंजिल है। 56 लोगों की क्षमता के कुल 28 कमरे हैं। वहीं पुरुष आवासीय बैरेक की कुल क्षमता 360 की है। यह भवन नौ मंजिला है। इसमें कुल 60 हाल का निर्माण कराया गया है, जबकि चिकित्सालय दो मंजिला है। सभी भवनों को अग्नि सुरक्षा समेत अन्य उपकरणों तथा सुख-सुविधाओं से लैस किया गया है। इसके अतिरिक्त शिविर में अधिकारियों और कर्मचारियों का आवास, प्रशासनिक भवन, स्टोर, क्वार्टर गार्ड, विशिष्ट आवास, अधिकारियों का भोजनालय, क्लब व बाउंड्रीवाल का निर्माण चल रहा है।

चुनौतियां तो हर समय, लेकिन हम सदैव तैयारः आईजी

सीआरपीएफ के आईजी सतपाल रावत ने कहा कि मंदिर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन के साथ सुरक्षा एजेंसियो के लिए भी चुनौती बढ़ेगी। सुरक्षाबलों सदैव चुनौतियों से पार पाने के लिए तैयार रहते हैं। समारोह स्थल पर मीडिया से वार्ता में उन्होंने कहा कि चार दशक से यह बल रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में लगा है। सभी सुरक्षा एजेंसियों से सीआरपीएफ समन्वय में है । लगातार संवाद होता रहता है। सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से बलों में तकनीकी बदलाव होते रहते हैं। समय-समय पर आधुनिक यंत्रों और उपकरणों से बल को लैस किया जाता है। संचार के आपात हालात के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल की मोबाइल नेटवर्क पर ही निर्भरता नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर संचार के लिए वायरलेस सेट सिस्टम, एलोकेटेड फ्रीक्वेंसी और डेडिकेटेड लीज लाइन उपलब्ध है।

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