उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं पुरातन छात्र किये गये सम्मानित
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 45 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर स्वामी विवेकानन्द सभागार में सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं पुरातन छात्र को सम्मानित सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कोरिया गणराज्य के दूतावास मंत्री जांग हो चोई एवं विशिष्ट अतिथि कोरिया संस्कृति केन्द्र के वरिष्ठ सलाहकार एचएच किंम रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
समारोह में मुख्य अतिथि एवं कुलपति द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों में विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्रो0 एस0एन0 शुक्ल, एमबीए विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 आर0एन0 राय, सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग के प्रो0 राजीव गौड़, वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो0 अशोक शुक्ल, गणित एवं सांख्यिकी विभाग के प्रो0 संत शरण मिश्र, सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली, गोण्डा की नीलम जीत कौर, का0सु0 साकेत पी0जी0 कालेज के अनुराग मिश्र, पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉ0 प्रकाश चन्द्र तिवारी एवं संत तुलसीदास पी0जी0 कालेज, सुल्तानपुर के डॉ0 समीर कुमार पाण्डेय को प्रशस्ति देकर सम्मानित किया गया। कर्मचारियों में सामान्य प्रशासन के डॉ0 मोहन चन्द्र तिवारी, अनुराग कुमार श्रीवास्तव, शशांक श्रीवास्तव, दिनेश कुमार तिवारी, जफर सलमान, महेश कुमार, संतोष कुमार पाण्डेय एवं छात्र-छात्राओं में रोहित पॉल, चन्द्र प्रकाश आजाद, शिवम प्रजापति, शिवेन्द्र सिंह, जया सिंह, अमन अंसारी, वकास खान, हिया त्रिपाठी शिवेन्दु शेखर को सम्मानित किया गया। पुरातन छात्र सभा की तरफ से विश्वविद्यालय में नैक की तैयारियों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 नीलम पाठक, डॉ0 अभिषेक सिंह, इं0 शोभित श्रीवास्तव, इं0 आर0के0 सिंह को भी प्रशस्ति पत्र भेटकर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोरिया गणराज्य के दूतावास मंत्री जांग हो चोई ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रमुख अर्थशास्त्री लोहिया के नाम पर स्थापित है। विश्वविद्यालय एक प्रमुख शिक्षा का केन्द्र के रूप में है। शीघ्र ही यहां कोरियन संस्कृति अध्ययन केन्द्र की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि कोरिया और अयोध्या के रिश्ते काफी प्राचीन है। कोरिया की राजकुमारी हों अयोध्या से थी। अयोध्या में उनके नाम पर एक विशाल पार्क बनाया जा रहा है जो भारत एवं कोरिया के रिश्तों को मजबूत कर रहा है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि आज विश्वविद्यालय 45 वर्ष का हो गया। आज के 45 वर्ष बाद विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती मनाई जायेगी। 50 वर्षों में विश्वविद्यालय ने समाज को क्या दिया इसकी समीक्षा अवश्य करनी होगी। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि मानवीय संसाधन एक महत्वपूर्ण विषय है। विद्यार्थियों की गुणवत्ता काफी बेहतर हो रही है। एक अच्छा विद्यार्थी एक अच्छा शिक्षक बेहतर समाज का निर्माण कर सकता है। कुलपति ने कहा कि अगले पॉच वर्षों में विश्वविद्यालय को यह संकल्प लेना होगा और दिशा तय करनी होगी। विश्वविद्यालय कहीं से भी निकल कर नंबर एक हो जाता है। शोध कार्य की गुणवत्ता कैसी होगी। जब कार्य अच्छा करेंगे तो पहचान निश्चित ही बनेगी। कुलपति ने विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं खेल के क्षेत्र में काफी पुरस्कार जीते है। यह उनकी मेहनत का प्रतिफल है। इससे विश्वविद्यालय की एक पहचान बनी है। विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में आ रहा है। निश्चित ही इसके सुखद परिणाम मिलेंगे।
विशिष्ट अतिथि कोरिया संस्कृति केन्द्र के वरिष्ठ सलाहकार एचएच किंम ने कहा कि भारत के साथ कोरिया के सम्बन्ध काफी पुराने है। भारत की युवा पीढ़ी काफी ऊर्जावान है। भारत की प्रतिभा विश्वभर में चमक रही है। पुरातन सभा के अकादमिक सलाहकार अरूण कुमार पाण्डेय ने कहा कि 1963 से भारत और कोरिया के सम्बन्ध रहे है। भारत और कोरिया के रिश्ते चौथी शताब्दी के है। अगले कुछ वर्षों में अयोध्या शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बनेगी। अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। समारोह के पूर्व परिसर में स्थित प्रचेता भवन के निकट मैदान में मुख्य अतिथि कोरिया गणराज्य के दूतावास मंत्री जांग हो चोई, कोरिया संस्कृति केन्द्र के वरिष्ठ सलाहकार एचएच किंम एवं कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित एवं प्रति कुलपति प्रो0 एसएन शुक्ल सहित अन्य ने पौधारोपण किया। स्वामी विवेकानन्द सभागार में कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक की उपलब्धि पर जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा डॉक्यमेंट्री दिखाई गई। कार्यक्रम में कौडिंल्य साहित्य सेवा समिति द्वारा अर्धवार्षिक शोध पत्रिका चेतना का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 शैलेन्द्र कुमार ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर लोकभूषण डॉ0 सुनील कुमार पाण्डेय, ”साहित्येन्दु”, प्रति कुलपति प्रो0 एसएन शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उपकुलसचिव विनय सिंह, मुख्य नियंता प्रो0 आरएन राय, प्रो0 अशोक शुक्ल, कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, के0के0 मिश्र, प्रो0 के0 के0 वर्मा, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, डॉ0 आद्या प्रसाद सिंह, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 राजीव गौड़, डॉ0 आर0के0 सिंह, प्रो0 जसवंत सिंह, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ल, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 नीलम पाठक, डॉ0 जितेन्द्र कुमार सिंह, डॉ0 सलील पाण्डेय, डॉ0 रामकृष्ण जायसवाल, प्रो0 अनूप कुमार, डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, डॉ0 नरेश चौधरी, डॉ0 विनोद चौधरी, डॉ0 वन्दिता पाण्डेय, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 विनय मिश्र, डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा, डॉ0 आर0एन0 पाण्डेय, श्रीश अस्थाना, डॉ0 अनिल विश्वा, इं0 अवधेश यादव, जनार्दन पाण्डेय, इं0 पारितोष त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।