-मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा
प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने प्रयागराज-संगम तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंगलवार-बुधवार की दरम्यिनी रात के कोई एक-दो बजे भीड़ का दबाव अत्याधिक होने से बैरियर टूट गया। भीड़ अनियंत्रित होकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के लिए प्रतीक्षारत श्रद्धालुओं से होकर गुजर गई। इसकी चपेट में आकर 90 श्रद्धालु घायल हो गए। जिसमें 30 की मृत्यु की दुखद सूचना सामने आई है।
डीआईजी प्रयागराज ने वैभव कृष्णा ने इसकी पुष्टि करते हुए गहरी शोक-संवेदनाएं व्यक्त की हैं। शासन-प्रशासन की सक्रियता से बड़ी अनहोनी टल गई।
महाकुंभ में ये दुर्घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पल-पल की खबर लेते रहे। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार नजर बनाए रहे। केंद्र और राज्य सरकारों की सीधी निगरानी और स्थानीय पुलिस-प्रशासन की देखरेख में यहां उचित प्रबंध किए गए हैं।
दुर्घटना के बाद राज्य सरकार और प्रशासन, प्राथमिकता पर घायलों का अच्छे से अच्छा इलाज कराने में जुटा है। फिलहाल रात की दुखद दुर्घटना के चंद मिनट में ही स्थितियां नियंत्रित कर ली गई थीं। यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के इंतजाम हैं। हादसे के बाद चौकसी और बढ़ा दी गई है।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि श्रद्धालुओं के भीड़ को लेकर शासन ने सभी वीआईपी प्रोटोकॉल पहले ही निरस्त कर दिए थे। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन ने किसी भी प्रकार के वीआईपी प्रोटोकॉल स्वीकार नहीं किए हैं। आगामी विशेष स्नान पर्वों पर भी यही नियम लागू रहेगा।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मिनट टू मिनट दौड़ने लगीं 50 से अधिक एंबुलेंस
महाकुम्भनगर। योगी सरकार की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और तत्परता की वजह से बड़े हादसे को सीमित कर दिया। घटना में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो से तीन मिनट के भीतर 50 से अधिक एंबुलेंस संगम नोज पर पहुंच गईं। लोगों की जान बचाने के लिए एम्बुलेंस से 100 से अधिक राउंड लगाए गए। इसके साथ ही दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टरों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इस मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीम भी चिकित्सकों के साथ घायलों की मदद में जुटी रही।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचाई गईं
महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भनगर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों का उपचार किया। इसमें योगी सरकार की आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की बड़ी भूमिका रही। हादसे के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचाई गईं। सिर्फ दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टर और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया।
घटनास्थल पर ही दिया गया प्राथमिक उपचार
50 से अधिक एंबुलेंस ने बिना रुके फर्राटा भरी और घायलों को तत्काल केंद्रीय अस्पताल पहुंचाया। घटनास्थल पर ही घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर मरीजों को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनका इलाज किया गया। जिसके बाद मरीजों को रवाना कर दिया गया। जरूरत पड़ने पर कुछ मरीजों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) शिफ्ट किया गया।
हर लोकेशन पर पहुंची एंबुलेंस
पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने भी चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस के मूवमेंट में सहयोग दिया। ग्रीन कॉरिडोर ने एंबुलेंस को हर लोकेशन पर मिनटों में पहुंचने में मदद की, जिससे हादसे में घायल श्रद्धालुओं को बचाया जा सका। करोड़ों की भीड़ के बीच एम्बुलेंस पूरी रफ्तार से चल सके इसके लिए तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसने लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डॉक्टरों की सारी शिफ्ट एक हो गई। घायलों के इलाज के लिए 100 प्रतिशत यानी 1000 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ अस्पताल में मौजूद रहा। सुबह और शाम की ड्यूटी वाले सभी डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद रहे। इसके अलावा, वार्ड बॉय और नर्स बड़ी संख्या में डॉक्टर के साथ घायलों को बचाने में लगे रहे। पूरे मेला क्षेत्र में अलग अलग लोकेशन से डॉक्टर मात्र 3 मिनट में अस्पताल पहुंच गए।