निःशुल्क एलोपैथिक व होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर का भी हुआ आयोजन
अयोध्या। जनपद न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी, नोडल अधिकारी विधिक सेवा शैलेन्द्र सिंह यादव, प्रभारी सचिव विधिक सेवा संजीव त्रिपाठी के अतिरिक्त श्रीमती रीता कौशिक, भूदेव गौतम, अभिनव तिवारी, विजय गुप्ता, डा.सुनील कुमार सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती पूजा सिंह आदि न्यायिक अधिकारियो द्वारा दीप प्रज्जवलन कर मॉ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मेगा लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य मुकदमो के बोझ को कम करना एवं आपसी समझौते के आधार पर वादो का निस्तारण करना है। इसका मुख्य उद्देश्य है सभी नागरिकों को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय संविधान के अनुच्छेद-39-क में प्राविधानिक नीति निर्देशों सिद्वान्तों को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में संसद द्वारा पारित विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 लागू किया जाना तथा सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समाज के अपवंचित एवं निर्धन व्यक्तियों को इस योजना का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से केन्द्र स्तर पर राष्ट्रीय विधित सेवा प्राधिकरण, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय स्तर पर उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया है, ताकि कोई भी नागरिक आर्थिक अक्षमता या अन्य कारणों से न्याय प्राप्त करने के समान अवसर से वंचित न रह जायें। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि लोक अदालत में कुल 2788 मामलो का निस्तारण किया गया लोक अदालत में महिलाओ, दिव्यांगो, वरिष्ठ नागरिको, समाज के विभिन्न वर्ग के लोगो के अलावा पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जन जाति आदि समाज के लोग लाभान्वित हुए। लोक अदालत में निःशुल्क एलोपैथिक एवं होम्यो पैथिक चिकित्सा शिविर तथा कोविड प्रोटोकाल के तहत कोविड डेस्क भी बनाये गये थे। न्यायाधीश भूदेव गौतम द्वारा मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा परिवहन एक्ट के तहत 28 वाद निस्तारित किये गये जिस पर कुल कुल 1,16,56,000 धनराशि की क्षतिपूर्ति निर्धारित की गई रिपेमेन्ट के कुल 15 केस निस्तारित हुए जिसमें कुल 71,00,660 रू0 की वसूली की गई। बैंक रिकवरी से संबंधित 795 प्री लिटिगेशन वाद निस्तारित किये गये जिसमें बैंक संबंधी ऋण कुल 36500100.00 रू0 वसूल किये गये। परिवारिक न्यायलयो द्वारा 49 मुकदमो को निस्तारित किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयो द्वारा 1627 फौजदारी वादो को निस्तारित किया गया इसके एवज में कुल 212330.00 रू0 अर्थ दण्ड अधिरोपित किया गया। सिविल न्यायालयो द्वारा कुल 30 मामलो का निस्तारण किया गया जिसमें कुल 1538066 रू0 का उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र जारी किया गया। राजस्व न्यायालयो/उप जिला मजिस्ट्रेटो द्वारा विभिन्न न्यायालयो में 222 राजस्व वाद निस्तारित किये गये। इस अवसर पर सत्य प्रकाश, असद अहमद हाशमी, शैलेन्द्र वर्मा, सतीश त्रिपाठी, सर्वश्री वरूण मोहित निगम ,चन्द्र मोहन मिश्र, नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, सर्वेश कुमार मिश्र, अभिनव तिवारी, अविनाश चन्द्र गौतम, देवेन्द्र प्रताप सिंह, अंशुमान यादव, पंकज कुमार, सचिन राठौर, अमरनाथ कुशवाहा, सत्यवीर सिंह, राजेन्द्र श्रीवास्तव, अन्य महिला न्यायाधीशो में अनिता, श्रीमती तपस्या त्रिपाठी, श्रीमती रश्मि चन्द्र, श्रीमती साधना गिरी, श्रीमती तरूणिमा पाण्डेय, ज्योत्सना राय, सुप्रिया शर्मा, अंजली पाण्डेय, आकृति सहित अन्य न्याय विभाग के पीठासीन अधिकारी सहायकगण आदि उपस्थित थें।