-देश-विदेश के दिग्गजों ने डाला डेरा
अयोध्या। अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के तीन दिवसीय 18वें संस्करण का दीप जलाकर विधिवत शुभारंभ गुरु नानक अकादमी गर्ल्स इंटर कॉलेज के सभागार में शक्ति सिंह, सूर्यकांत पांडेय, प्रीतपाल सिंह पाली और प्रोफेसर मोहन दास ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विशेष प्रदर्शनी लगाई गई और शहीद-ए-वतन अशफ़ाक़ उल्ला खां की तस्वीर पर श्रद्धांजलि स्वरूप गुलपोशी की गई।
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल, भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म उद्योग के लिए एक प्रमुख मंच बन चुका है। दुनिया भर के फिल्म निर्माता यहां अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। समारोह के दौरान स्विट्ज़रलैंड से आए अभिनेता-निर्देशक उवे श्वार्ज़वेल्डर ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, “स्विट्ज़रलैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
मेरी फिल्म द स्पिरिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड इस फेस्टिवल में प्रदर्शित की जा रही है, जिसे लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं।“ पेरिस, फ्रांस से आए निर्देशक जेरेमी ब्रुनेल ने कहा, “मूवी और सिनेमा लोगों को जोड़ते हैं और दुनिया को समझने का आसान अवसर प्रदान करते हैं। चर्चित अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में भाग लेकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मेरी फिल्म मिरारी इस फेस्टिवल में सराही जा रही है।“
इटली के निर्देशक आंद्रिया फ़ॉर्टिस ने बताया, “यह मेरे लिए पहला अवसर है कि मैं अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में आया हूं और यहां अपनी मूवी सिटी ऑफ मरमेड्स लेकर आया हूं। यह समारोह भारतीय लोगों को जानने और अपने सिनेमा को प्रस्तुत करने का बेहतरीन मंच है।“
फिल्म निर्देशक शारवी एम ने कहा, “अयोध्या फिल्म फेस्टिवल एकदम अनूठा है। इसका 18वां संस्करण सिने प्रेमियों को विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और देशों की फिल्मों से परिचित कराने का एक बड़ा मंच है। मेरी फिल्म बेटर टुमॉरो यहां प्रदर्शित हो रही है।“ अभिनेता और लेखक संजीव विरमानी ने कहा, “पिछले 18 वर्षों से अयोध्या में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन अद्भुत है। यह फेस्टिवल छोटे शहरों को विश्व सिनेमा से जोड़ने का एक अनोखा प्रयास है।“
उद्घाटन फिल्म कथाकार रही, जो महिलाओं की मुक्ति के प्रश्न को रेखांकित करती है। इसके बाद देर रात तक विभिन्न फिल्मों का प्रदर्शन जारी रहा। अयोध्या फिल्म महोत्सव के चेयरमैन प्रोफेसर मोहन दास ने कहा, “इस वर्ष हमें विश्वभर के फिल्मकारों से अद्भुत और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इस बार 39 से अधिक देशों के फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्में भेजी हैं। इनमें भारत के साथ-साथ चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूक्रेन, कोरिया, फ्रांस, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, इटली, इज़राइल, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, श्रीलंका, स्पेन, रोमानिया, पुर्तगाल, तुर्की, नॉर्वे, नेपाल, लीबिया, ब्राज़ील, जापान, नामीबिया, मैक्सिको, लक्ज़मबर्ग, जॉर्जिया, अर्जेंटीना, अल्बानिया आदि देश शामिल हैं।“
यह आयोजन न केवल भारतीय सिनेमा के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के लिए भी एक प्रभावी मंच प्रदान करता है, जहाँ विभिन्न देशों के फिल्मकारों को अपनी फिल्में प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है अयोध्या फिल्म फेस्टिवल अपनी विविधता और विशिष्टता के साथ सिनेमा प्रेमियों के लिए एक अनूठा अनुभव बन चुका है।