असफलता पर बिफरे जिला निर्वाचन अधिकारी, जारी किया कारण बताओ नोटिस
अयोध्या। पीठासीन व मतदान कार्मिक को प्रशिक्षण देने हेतु चयनित 60 मास्टर ट्रेनर्स में से 17 मास्टर ट्रेनर्स परीक्षा में असफल हुए, जिस पर जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार झा ने नराजगी व्यक्त करते हुए सभी 17 मास्टर ट्रेनर्स को कारण बताओं नोटिस जारी किया है, उन्होनें कहा कि असफल पाये गये मास्टर ट्रेनर्स को निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्यो में रूचि न लिये जाने कारण उनके खिलाफ राज्य निर्वाच आयोग के साथ-साथ उनके कार्याध्यक्ष व विभागाध्यक्ष को इनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र लिखने के साथ कृत कार्यवाही से अवगत कराने को कहा गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी असफल मास्टर ट्रेनर्स उच्च शिक्षा प्राप्त है ऐसे मे यह अत्यन्त आपत्तिजनक है कि वे मास्टर टेªनिंग की परीक्षा असफल हो रहे है। उन्होनें विस्तार से बताया कि क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान डाभासेमर के सभागार में मास्टर ट्रेनर्स का द्वितीय ईवीएम एवं सामान्य प्रशिक्षण मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, प्रशिक्षण में जिला विकास अधिकारी हवलदार सिंह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण कमलेश सोनी, उप संचालक चकबन्दी तरूण मिश्र की उपस्थिति में कराया गया। प्रशिक्षण के पश्चात् सर्वप्रथम मास्टर ट्रेनर्स की समूहवार मौखिक परीक्षा ली गई जिसमें विकास प्राधिकरण के अवर अभियन्ता प्रमोद शर्मा, अवर अभियन्ता मदन प्रसाद गुप्ता, अवर अभियन्ता छविनाथ पाण्डेय, जल निगम के अवर अभियन्ता अरविन्द कुमार यादव, अवर अभियन्ता अशोक कुमार यादव, सीएनडीएस के अवर अभियन्ता खुशीयालचन्द पासी, राजकीय इण्टर कालेज के प्रवक्ता नन्दराम मौर्य, राजीकय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था के अनुदेशक रीतेश विश्वकर्मा, अनुदेशक मो0 शकील असफल पाये गये।
मौखिक परीक्षा के पश्चात् अतिरिक्त प्रशिक्षण दिलाया, जिसके पश्चात् लिखित परीक्षा कराई गई जिसमें 8 मास्टर टेªनर्स आईटीआई के अनुदेशक बलवीर गौड़, अनुदेशक ज्ञानप्रकाश, अनुदेशक प्रवीण कुमार, जीआईसी के सहायक अध्यापक रामदत्त, सहायक अध्यापक रविन्द्र कुमार, सहायक अध्यापक काशी प्रसाद, ग्रामीण अभियन्त्रण के अवर अभियन्ता रविकान्त, जल निगम के अवर अभियन्ता अशोक कुमार असफल पाये गये।
जिलाधिकारी ने असफल पाये गये मास्टर ट्रेनर्स को एक और मौका देने के लिये कहा है, उन्होनें कहा कि यदि वह उसमें भी असफल होते है और उनके अन्दर आवश्यक सुधार नही होता है तो उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ आयोग्य होने का अंकन उनकी सेवापुस्तिका में दर्ज कर दी जाये।
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