अयोध्या। अमर शहीद संत कंवर राम ने पूरी दुनिया को मानवता व एकता और भाईचारे का संदेश दिया संत कंवर राम ने प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में एक अलौकिक ज्योति जगाई जिसमें न कोई हिंदू न कोई मुसलमान सभी उस ज्योति के प्रकाश से प्रकाशित थे। उक्त उदगार संत सतराम दास दरबार के साईं नितिन राम ने अमर शहीद संत कंवर राम की 135 वी जयंती अवसर पर रामनगर कॉलोनी के संत सतराम दास दरबार में व्यक्त किए लॉक डाउन के चलते इस बार संत की जयंती सादगी से मनाई गई उनके चित्र पर शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर उनको याद किया और उनके जीवन पर चर्चा की संत का जन्म 13 अप्रैल 1885 को सिंध प्रदेश में हुआ था नितिन राम ने कहां की संत कंवर राम अपने सिंधी भजनों और सूफी कलामो को गाकर पूरे देश और दुनिया को एकता और भाईचारे का संदेश देते थे ओम शिवालय परिवार के गणेश राय ने कहां की संत कंवर राम न केवल उच्च कोटि के गायक थे बल्कि एक निर्मोही दरवेश, सच्चे आशिक और महान कर्मयोगी संत थे संत कंवर राम की आवाज में एक अजीब आकर्षण था उनकी आवाज में आत्मिक रहस्य और ईश्वरीय आलाप जिसे जो भी सुनता था उसकी रग रग शीतल हो जाती थी उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ओमी ने बताया कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने संत की 125 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में 26 अप्रैल 2010 के दिन डाक टिकट जारी की थी लॉक डाउन के चलते रामनगर कॉलोनी व अन्य सिंधी मोहल्लो में लोगों ने अपने-अपने घरों में पांच पांच दीए जलाकर संत को याद किया इस मौके पर हरीश सावलानी, सुरेश भारतीय, संजय खिलवानी, चंद्रभान माखीजा, उमेश संगतानी, आशुतोष केवलरामानी, अमित खत्री ओमप्रकाश केवलरामानी, मुकेश रामानी मौजूद थे।
संत कंवर राम की मनी 135वीं जयंती
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