केवल विधिक आधार से सूचना देने से मना कर सकते हैं जनसूचना अधिकारी
अयोध्या। उ0प्र0 के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती का स्वागत जिलाधिकारी सभागार में मण्डलायुक्त मनोज मिश्र ने किया तथा कहा कि आपके निर्देशन के क्रम में यहां पर प्रशिक्षण मण्डल एवं अयोध्या जनपद के विभागीय अपील अधिकारी, जन सूचना अधिकारी, सहायक जन सूचना अधिकारी आमंत्रित किये गये है। पूर्व प्रशिक्षणों की भांति ये निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे एवं सूचना के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में गुणात्मक सुधार होगा। तत्पश्चात् मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि मण्डल अयोध्या एवं जनपद अयोध्या के अधिकारीगण, विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत जन सूचना अधिकारीगण तथा प्रथम अपीलीय अधिकारीगण की आज कलेक्ट्रेट सभागार अयोध्या में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 तथा उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली 2015 कानूनों के विभिन्न प्राविधानों के बारे में प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी 2016 से प्रदेश में संचालित किया जा रहा है, उत्तर प्रदेश में सामान्यतः विभिन्न सरकारी दफ्तरों में लगभग 20 हजार जन सूचना अधिकारी तथा लगभग 07 हजार प्रथम अपीलीय अधिकारीगण कार्यरत है, यह वृहद प्रशिक्षण कार्यक्रम है इसका उद्देश्य प्रदेश के सभी जन सूचना अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम और उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली के प्राविधानों के बारे में जानकारी देना ताकि वे अपना कार्य बेहतर तरीके से कानून के तहत कर सकें। उन्होनें कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में दो राउण्ड पूरे हो चुके है। जनवरी 2016 से प्रदेश के सभी जनपदों में दो बार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो चुका है। अब यह तीसरा राउण्ड चल रहा है। उन्होनें आगे बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 क्रांतिकारी अधिनियम है इसमें दो राय नही है कि इस अधिनियम से यथा स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। 2005 से पहले किसी आम आदमी की कल्पना से परे था कि वह किसी सरकारी दफ्तर में जाये और अधिकार के साथ कहे कि मुझे फलां फाइल फला पेज की सूचना चाहिए।
शासन, प्रशासन तंत्र तथा आम जनता के बीच में शक्ति के संतुलन को इस अधिनियम ने आम जनता के पक्ष में शिफ्ट किया है। इस अधिनियम में आम जनता को पावर दी है, सशक्त किया है, इस दृष्टिकोण से यह अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम है। इसका मुख्य उद्देश्य शासन, प्रशासन तंत्र की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना, शासन और प्रशासन तंत्र की कार्य प्रणाली में जवाबदेही बढ़ाना तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाकर शासन तथा प्रशासन तंत्र की कार्य प्रणाली में भ्रष्टाचार में अंकुश लगाना। उन्होनंे कहा कि सुशासन की स्थापना तब तक नहीं होती है जब तक शासन, प्रशासन तंत्र की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता व जवाबदेही न हो और भ्रष्टाचार पर अंकुश न हो। इस दृष्टिकोण से सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 देश व प्रदेश में सुशासन की स्थापना करने की दिशा में बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। जन सूचना अधिकारी का काम बहुत ही महत्वपूर्ण काम है और बतौर ‘‘जन सूचना अधिकारी आपका प्रथम एवं प्रमुख दायित्व, सूचना देना है‘‘। जन सूचना अधिकारी केवल और केवल विधिक आधार से सूचना देने से मना कर सकते है।
प्रशिक्षण के अन्तिम चरण में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने अभार व्यक्त करते हुये कहा कि जो आदेश/निर्देश प्राप्त हुये है उसका हम लोग पालन कराने हेतु पहल करेंगे एवं उसके सकारात्मक परिणाम आयेंगे। इस अवसर पर मण्डल एवं जनपद के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं मण्डल एवं जनपद स्तर के कार्यालयाध्यक्ष एवं अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। अन्तिम चरण में सर्किट हाउस सभागार में मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता किया गया था इसके क्रियान्वयन में अपेक्षित कार्याे का आह्वन किया गया। इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी, सूचना आयुक्त उप्रेती, मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।