मृतक के घर पहुच विधायक ने बंधाया ढांढस, मदद का दिया आश्वासन
रूदौली। रूदौली कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार की रात सड़क किनारे चारपाई पर सो रहे युवक पर तेज रफ्तार डीसीएम अनियन्त्रित होकर पलट गई। घटना स्थल पर पहुच कर पुलिस ने काफी मसक्कत के बाद डीसीएम के नीचे दबे युवक को बाहर निकाल कर जिला अस्पताल भिजवाया वहां उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार कुढ़ा सादात निवासी राम प्रताप पुत्र राम प्यारे लगभग 45 वर्ष गुरुवार की रात गांव में ही स्थित अम्बेडकर स्थल के पास गर्मी के चलते चार पाई डालकर सो गए । देर रात लगभग पौने तीन बजे फैज़ाबाद की ओर से लखनऊ की ओर जा रही डीसीएम अनियन्त्रित होकर हाइवे के किनारे नाले को फांदकर व शौचालय को तोड़ते हुए राम प्रताप की चारपाई पर पलट गई ।हल्ला गोहार सुन दौड़े ग्रामीणों ने देखा कि युवक डीसीएम के नीचे ही दबा चिल्ला रहा है।ग्रामीणों की सूचना पर पहुचे कोतवाल रूदौली विश्वनाथ यादव, चौकी इंचार्ज भेलसर निर्मल सिंह व उपनिरीक्षक विनय यादव ने काफी प्रयास किया लेकिन दबे युवक को नही निकाल पाए ।ग्रामीणों के सहयोग व डीसीएम के नीचे दबे युवक के साहस से गम्भीर रूप से घायल युवक को काफी देर बाद बाहर निकाला गया ।इस बीच पुलिस ने दो क्रेनों को भी मंगवा लिया था। गम्भीर रूप से घायल युवक को एम्बुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल भेजवाया गया ।जहां युवक ने दम तोड़ दिया ।मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया ।बताया जाता है मृतक युवक ट्रक चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता था जिसके दो बेटे और तीन बेटियां है । भेलसर चौकी इंचार्ज निर्मल सिंह ने बताया कि डीसीएम को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है जबकि चालक फरार हो गया और डीसीएम का खलासी पुलिस के कस्टडी में है।तहरीर मिलने पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
रुदौली कोतवाली क्षेत्र कुढ़ा सादात निवासी राम प्रताप रैदास की सड़क दुर्घटना में हुई मौत की खबर पाकर क्षेत्रीय विधायक राम चन्द्र यादव अपने आप को रोक नही पाए और शुक्रवार की सुबह ही मृतक के घर पहुँच कर परिजनों को सांत्वना देते हुए दुख की इस घड़ी में साथ खड़े रहने की बात कही। इस दौरान विधायक श्री यादव ने दुर्घटना स्थल का जायजा लेते हुए ग्रामीणों से मृतक के परिवार के बारे में पूछताछ भी की ।उन्होंने अधिकारियों से बात कर जल्द ही मृतक के परिजनों को मिलने वाली विभिन्न सरकारी लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पारस नाथ ,सहजराम ,राम प्रताप ,छोटू ,आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
पांच सन्तानो के सिर से उठा पिता का हाथ
रूदौली ।सड़क दुर्घटना में असमय कमाऊ पूत की मौत के बाद उसके पांच बच्चे और पत्नी बेसहारा हो गए है। पत्नी घटनास्थल पर दहाड़े मार कर रो रही थी। लीवर व गुर्दा की बीमारी से जूझ रही सबसे छोटी बेटी ज्योति को ये तक नहीं पता कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं है।ग्रामीणों ने बताया कि मृतक राम प्रताप ट्रक ड्राइवर था ।ट्रक चलाकर पूरे परिवार का किसी तरह पेट भर रहा था। अभी एक दिन पूर्व ही ट्रक पर गिट्टी लादकर गांव आया था ।गुरुवार की रात खाना पीना खाकर गर्मी से परेशान राम प्रताप घर छोड़कर चारपाई लेकर ठंडी हवा में रात बिताने के लिए घर के बाहर स्थित अम्बेडकर स्थल पर चला आया ।उसे क्या पता था कि आज की रात उसके जीवन की आखिरी रात होगी। घर पर बीमार बिटिया को लिये सोई मृतक की पत्नी को क्या पता था कि शुक्रवार की सुबह उसके लिए मनहूस खबर लेकर आएगी। भोर ही दुर्घटना की जानकारी होने पर गांव वालों के साथ नंगे पैर दुर्घटना स्थल पर पहुंची तो देखा उसका पति डीसीएम के नीचे दबा पड़ा है ।पत्नी की समझ में ये नहीं आ रहा था कि आखिर गाड़ी के नीचे दबे अपने पति को कैसे बाहर निकाले, लोगो से रो रो कर फरियाद करती रही कि किसी तरह मेरे पति को बाहर निकाल लो ।इसी दौरान घर से बेना मंगा लिया और गाड़ी के नीचे ही दबे पति पर पंखा झलते हुए गर्मी से राहत देने लगी ।काफी देर बाद जब पति को निकाला गया तो पति को बोलता देख थोड़ा से पत्नी खुश हुई लेकिन यह खुशियां ज्यादा देर तक नही रही ।जिला अस्पताल पहुँचते पहुँचते राम प्रताप हमेशा के लिए परिवार व समाज छोड़कर चला गया।राम प्रताप के मृत्यु के बाद रंजीत ,सुभाष रोशनी ,लक्ष्मी ,ज्योति सहित पांच संतानों के सिर से पिता का साया उठ गया ।
बेटी के हाथ पीले होने से पहले ही पिता की उठी अर्थी
रूदौली ।फटेहाली की जिंदगी जी रहे परिवार की स्थिति बदलने का सपना संजोये कुढ़ा सादात निवासी राम प्रताप रैदास घर द्वार छोड़ दिन रात एक करके मेहनत कर रहा था ।लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था ।शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिवार के सारे सपने चूर चूर हो गए ।ग्रामीणों ने बताया कि बड़ी बेटी के शादी की चिंता हमेशा राम प्रताप को रहती थी और लोगो से कहा भी करते थे कि विटिया की शादी बड़े ही धूमधाम से करूंगा ,बस कुछ ही दिनों में बरीक्षा सँस्कार की रस्मे होनी थी लेकिन, बेटी का हाथ पीला होने से पहले ही पिता की अर्थी उठ गई।पिता की मौत की खबर सुनकर बेटी रोशनी दहाड़े मारकर रो पड़ती है। वहीं, बेटा रंजीत व सुभाष के आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। पत्नी की हालत तो सबसे ज्यादा खराब है रोते रोते बेहोश हो जाती है ।पानी का छींटा मारने पर थोड़ी देर बाद होश में आती है ।आंखें पति की आस में पथरा गई है। कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। रुआंधे गले से पति के साथ बिताए पल को बार बार याद करती है ।यही सब देख राम प्रताप के घर आने वाले लोगों की आंखें भी नम हो जा रही है।