वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद शिलाओं को राम जन्मभूमि परिसर ले जाया जा रहा है
अयोध्या। भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर मंदिर निर्माण कार्यशाला में हलचल तेज हो गई है। राम जन्मभूमि परिसर में तराशी गयी शिलाओं को ले जाने का कार्य शुरू हो गया है। वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद शिलाओं को राम जन्मभूमि परिसर ले जाया जा रहा है। राममंदिर कार्यशाला के प्रभारी मनोज सोमपुरा ने बताया कि जल्द ही शिलाओंं को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचा दिया जाएगा। रामघाट क्षेत्र स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में रखे गए पत्थरों को भी राम जन्मभूमि परिसर पहुंचाए जाने की तैयारी है। एलएंडटी कंपनी के मशीनों द्वारा शिलायें ले जाने का कार्य किया जा रहा है। शिलाओं को ले जाने के लिए क्रेन मशीन व ट्रक का इस्तेमाल किया जा रहा है। राम मंदिर में लगने वाली शिलाओं को परिक्रमा मार्ग से राम जन्मभूमि परिसर तक पहुंचाया जाएगा। प्रथम चरण में ग्राउंड फ्लोर के 106 स्तंभों को ले जाया जाएगा। इन पत्थरों को रखवाने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में ही प्लेटफार्म बनवाया गया है। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि 15 अक्टूबर के नजदीक आईआईटी चेन्नई की विशेषज्ञ वैज्ञानिक टेस्ट की रिपोर्ट दे देंगे और 15 अक्टूबर के बाद से 12 सौ पिलरों के पाइलिंग का कार्य शुरू हो जाएगा.पाइलिंग के कार्य शुरू होते ही जैसे जैसे पाइलिंग का कार्य पूरा होगा सतह का निर्माण शुरू हो जाएगा।सतह के अंदर 100 फीट गहरा 1 मीटर व्यास का यह एक पिलर बनाया जाएगा। जिसके ऊपर राम मंदिर का निर्माण होगा। ट्रस्ट का मानना है कि भूकंप रोधी होगा और 1000 वर्षों तक मंदिर सुरक्षित रहेगा। आज पहला पिलर का तराशा गया पत्थर राम जन्म भूमि पर ले जाया गया है। माना जा रहा है कि 2021 के मई या जून तक पाइलिंग का काम भी कंप्लीट हो जाएगा और साथ ही कार्यशाला से पत्थर जाने का कार्य भी पूरा हो जाएगा।अभी राम मंदिर निर्माण के लिए पहली मंजिल का 70% का कार्य पूरा हो चुका है। बचे 30 प्रतिशत कार्य को पूरा करने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में ही कार्यशाला स्थापित की जाएगी। यही नहीं राजस्थान में भी कार्यशाला स्थापित की जाएगी। जिससे कम समय में जल्दी तराशे गए रेड पिंक स्टोन पत्थर राम मंदिर के लिए मिल सके। इन तराशे गए पत्थरों को राम जन्म भूमि पर ले जाया जाएगा। उसकी कोडिंग की जाएगी क्योंकि जब राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण होगा उसी कोडिंग के अनुसार ही पत्थरों को रखा जाएगा। माना जा रहा है कि 3 वर्षों में राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।