ट्रस्ट सदस्यों को सौपा 613 किलो का राम घण्टा
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अयोध्या। रामेश्वरम से चलकर 21 दिनों बाद राम रथ यात्रा रामनगरी पहुंची। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बन रहे भगवान राम के नए मंदिर के लिए 613 किलो वजन का एक विशेष घंटा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया।
इस विशेष राम घण्टे को तमिलनाडु के रामेश्वरम से लाया गया है। जिसे बुधवार को लीगल राइट काउंसिल की ओर से रामलला को समर्पित किया गया।बता दें बुलेट क्वीन के नाम से मशहूर तमिलनाडु की महिला राजलक्ष्मी मांडा लगातार 4500 किलोमीटर का सफर करने के बाद ट्रक से विशेष घंटा लेकर अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने पहले कारसेवकपुरम परिसर में इस घंटे को दर्शनार्थ रखा. उसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को घंटा ट्रस्ट के कार्यालय पर लाकर भेंट किया। 613 किलो के इस विशाल घंटे की विशेषता है कि जब यह बजाया जाएगा तो ओउम की ध्वनि निकलेगी।
श्रीराम परिवार के साथ गणेश जी की मूर्ति भी सौपी
-613 किलो के इस खास घंटे के साथ भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान जी के साथ गणपति की मूर्ति भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को भेंट किया गया।तमिलनाडु रामेश्वरम से 613 किलो वजन का कांस्य से बना है। इसकी चौड़ाई 3.9 फिट जबकि ऊंचाई 4 फीट है। इसके साथ राम रथ यात्रा 4500 किलोमीटर की दूरी 10 राज्यों से होती हुए तय की गई। खास बात यह है कि इस घंटा को राम रथ पर रखकर एक महिला उस रथ नुमा ट्रक को 4500 किलोमीटर खुद ड्राइव करके अयोध्या लेकर आई है। यह महिला वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी बुलेट रानी के नाम से प्रसिद्ध राजलक्ष्मी मांडा है। तमिलनाडु की रहने वाली लीगल राइट काउंसलिंग जनरल सेक्रेटरी राजलक्ष्मी मांडा विश्व में दूसरी महिला हैं जिन्होंने 9.5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। राम रथ यात्रा 17 सितंबर से चलकर 7 अक्टूबर 21 दिन में अयोध्या की यात्रा पूरी की है।राम रथ यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं। राजलक्ष्मी मांडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करने के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि राम मंदिर भारत नहीं पूरे विश्व के 66 मिलीयन हिंदुओं का सपना था। राम मंदिर का अब सपना पूरा होगा।