ग्रीष्म कालीन में आराध्य को फूल की झांकी शीतलता प्रदान करती है:पीपाद्धाराचार्य
मनोहारी झांकी में वृंदावन, कोलकाता व लखनऊ समेत अन्य कई राज्यों से आये फूलों का किया गया उपयोग
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अयोध्या। रामनगरी के सिद्धपीठों में शुमार श्रीकनक भवन व श्रीहनुमानगढ़ी में भव्य फूल बंगले की झांकी का दिव्य आयोजन किया गया। फूल बंगले में विराजें कनकबिहारी सरकार की छवि बड़ी ही मनोहारी लग रही थी। विभिन्न पद गायन से युगल सरकार की मनोहारी छवि का आनंद संत साधक लगा रहे थे। पूरा मंदिर परिसर भक्ति में सराबोर दिख रहा था। जेष्ठ के भीषण गर्मी में जहां मनुष्य और पशु पक्षी परेशान है वहीं रामनगरी अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में जीव स्वरूप मानकर की जाने वाली भगवान की सेवा व पूजा की कड़ी में उन्हें इस भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए भव्य फूल बगंला की झांकी का आयोजन किया गया। इस भव्य व मनोहारी फूल बंगला की झांकी में उपयोग किये गए फूल वृंदावन, कोलकाता व लखनऊ समेत कई राज्यों से आये थे। आरकेटक, गेंदा, नीबू कलर, गेंदा आरेंज कलर, ग्लाइट, मुंगेरा, राजबेल, रजनीगंधा, टाटा गुलाब के हजारों फूलों से भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया। रंग बिरंगे फूलों से पूरे मंदिर को भव्य रुप से सजाया गया। इस भव्य कार्यक्रम के आयोजक जगद्गुरु पीपाद्धाराचार्य बलराम देवाचार्य जी महाराज रमनरेती वृंदावन के साथ उनके शिष्य परिकर इतना भव्य स्वरूप दिया कि अयोध्या वासियों का दिल जीत लिया। जगद्गुरु पीपाद्धाराचार्य बलराम देवाचार्य जी महाराज ने बताया कि भव्य फूल बंगला झांकी वो निरंतर 12 वर्षो से सजाते आ रहे है। उन्होंने कहा कि वो वृंदावन में लगातार तीन महीने भगवान की फूल बंगला झांकी सजाते है। उन्होंने कहा कि कनक बिहारी सरकार की फूल बंगला झांकी से अयोध्या वासियों को खुशी मिलती है। इस कार्यक्रम में रामनगरी के सभी संत धर्माचार्य सहित साधक शामिल होते है। जगद्गुरु पीपाद्धाराचार्य बलराम देवाचार्य जी महाराज ने बताया कि भगवान के श्री चरणों का आनंद लेने के लिए हम संत साधक फूल बंगला झांकी सजाते है। गीष्म कालीन में आराध्य को फूल की झांकी शीतलता प्रदान करती है।