दोष सिद्ध होने के बावजूद शिक्षामित्र के विरूद्ध एबीएसए नहीं कर रहे कार्यवाही
मिल्कीपुर। शिक्षा क्षेत्र मिल्कीपुर के प्राथमिक विद्यालय मसेढ़ा में शिक्षा मित्र और प्रधानाध्यापक के मध्य वर्चस्व की जंग शुरू हो गयी है। तमाम निरीक्षण और जांच के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी एकतरफा कार्यवाही कर रहे हैं जिसका विरोध ग्राम पंचायत समिति भी कर रही है। प्राथमिक विद्यालय मसेढ़ा के शिक्षा मित्र के विरूद्ध दोष सिद्ध हो जाने के बावजूद व जिलाधिकारी द्वारा सेवा मुक्त किये जाने के आदेश पर भी खण्ड शिक्षा अधिकारी मिल्कीपुर कार्यवाही करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। दूसरी ओर विद्यालय को तरक्की की राह पर ले जाने वाले प्रधानाध्यापक को हटाये जाने के लिए षडयंत्र रचा जा रहा है जिसमें स्थानीय अधिकारी भी सहयोग कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय मसेढ़ा में नियुक्त शिक्षामित्र नरसिंह अक्सर विद्यालय नहीं आते हैं इसी बात को लेकर प्रधानाध्यापक अभिनव सिंह से विवाद चल रहा है। राजनीतिक वर्चस्व के चलते प्रधानाध्यापक के विरूद्ध शिकायतें की गयीं शिकायत के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने 13 दिसम्बर 2018 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को विद्यालय का निरीक्षण कर प्रकरण की जांच आख्या देने का निर्देश दिया तहसीलदार मिल्कीपुर से भी निरीक्षण कराया गया। अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण आख्या में तथ्य सामने आया कि शिक्षामित्र नरसिंह निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित थे। इनकी उपस्थिति पंजिका के सम्बन्ध में प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया कि 30 नम्वम्बर 2018 को शिक्षामित्र उपस्थित पंजिका लेकर चले गये और 1 दिसम्बर 2018 को आकर पुनः वापस चले गये और विद्यालय को उपस्थित पंजिका नहीं दे रहे हैं। इनकी सेवा समाप्ति के लिए नियमानुसार कार्यवाही करने का जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि उपस्थित पंजिका में 15 नवम्बर 2018 को सफेदा लगाकर अभिवन सिंह व सहायक अध्यापिका शिखा सिंह द्वारा हस्ताक्षर बनाया गया है जबकि उक्त दिवस को दोनो शिक्षक अवकाश पर थे। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस प्रकरण में दोनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाय और उक्त दिवस का वेतन आहरित न किया जाय। इस प्रकरण के सम्बन्ध में प्रधानाध्यापक अभिवन सिंह का कहना है कि 26, 27 व 28 नवम्बर को शिक्षक रैली में भाग लेने के लिए उन्होंने छुट्टी ली थी और खण्ड शिक्षा अधिकारी मिल्कीपुर को तीनों दिन एसएमएस भेजकर छुट्टी लेने की जानकारी दिया था। 28 नवम्बर को जब वह छुट्टी पर थे तो शिक्षामित्र नरसिंह ने खण्ड शिक्षा अधिकारी को विद्यालय बुलाकर निरीक्षण कराया और यह बताया गया कि प्रधानाध्यापक अनुपस्थित हैं और विद्यालय वह नियमित नहीं आतें। निरीक्षण के बाद प्रधानाध्यापक के तीन दिन के वेतन काटने की संस्तुति खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गयी। प्रधानाध्यापक का कहना है कि उनसे एसएमएस का प्रमाण मांगा गया जिसका प्रिंट उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करा दिया गया है।